Ranchi- विपक्षी खेमे से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा है कि आज देश में
एक व्यक्ति को छोड़ कर पूरा देश डरा हुआ है, आंतकित है, हालत यह
है कि देश का गृह मंत्री भी भयभीत हैं.
केन्द्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर लोगों की आवाज दबाई जा रही है. यह कोई छूपा हुआ तथ्य नहीं है.
इस लड़ाई को वही लड़ सकता है, जिस पर कोई दाग नहीं हो, दागदार व्यक्तिव के लोग यह लड़ाई नहीं लड़ सकतें.
यशवंत सिन्हा ने कहा कि आज का चुनाव बेहद कठीन परिस्थितियों में हो रहा है. देश के अन्दर की बात तो छोड़ दें,
अब संसद तो अन्दर भी सच बोलने पर मनाही है.
प्रजातंत्र अपनी अंतिम सांस ले रहा है. प्रजातंत्र कहीं खत्म सा हो गया है.
बाबा साहेब अंबेडकर ने संविधान बना कर हमें प्रजातंत्र दिया था, आज उसी प्रजातंत्र पर खतरा मंडरा रहा है.
सामने कौन है महत्वपूर्ण नहीं, सवाल विचारधारा का है
राष्ट्रपति चुनाव के लिए मेरे सामने कौन है, मैं इसमें पड़ना नहीं चाहता, वह कहां से आती हैं, यह भी महत्वपूर्ण नहीं है.
यहां सवाल विचारधारा का है. यह लड़ाई विचारधारा की है. लोकतंत्र और उसको समाप्त करने वालों के बीच में है.
यहां व्यक्ति महत्व नहीं रखता, महत्व इस बात की है कि हम लड़ाई किन मूल्यों को लिए लड़ रहे हैं.
उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने अन्तरआत्मा की आवाज पर मतदान करने की अपील की
राष्ट्रपति चुनाव में मतदाताओं को अपनी अन्तरआत्मा की आवाज पर मतदान करने का आह्रवान करते हुए यशवंत सिन्हा
ने कहा कि आप अपनी अन्तरआत्मा की आवाज को सुनें और उसकी आवाज पर ही अपना मत डालें.
राष्ट्रपति का चुनाव लड़ाई का अंत नहीं बल्कि शुरुआत है. चुनाव के दौरान यह महसूस हुआ कि देश की जनता उद्वेलित हैं,
लोग भय और आंतक के साये में जी रहे हैं. लेकिन वह भय के कारण उनकी आवाज सामने ऩहीं आ रही है.
राजनीति में परिवारवाद को खत्म करने के भाजपा के दावे पर यशवंत सिन्हा ने कहा कि
राजनीति का पैमाना 5 फीट 11 इंच का हो.
रिपोर्ट- मदन
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