रांची: कहां चाचा नहीं मानिएगा मान जाइए कुछ तो मिला नहीं यहां तो सब कोई है हम हैं आपका बड़ा भाई हैं काहे मुंह फुला लिए हैं हम सोचेंगे सबके लिए आपके लिए भी और उसके लिए भी जिस लिए आप चिंता में हैं
नहीं तू तो अपन भाई के लिए ना सोचेगा हमर तो बेटा है हम तो सोचेंगे ना। क्या कर लीजिएगा चाचा जो जमीन पर आप इतना दिन खेती किये उसकी फसल हमारे दरबार में परेड कर रहा है क्या कर लीजिएगा कहां जोतिएगा जमीन।
जमीन तो तलाशने गये थे दिल्ली वे लोग लीज पर देने के लिए तैयार हो गया था लेकिन हमको तो रजिस्ट्री कराना था इसलिए मना किए हैं, लेकिन उनको मना किया तो इसका मतलब यह नहीं कि हम वापस हो जाएंगे और तोहार घुटना के नीचे रहकर काम करेंगे ।
हम तुम्हारे बाबूजी के साथ खेती करना शुरू किए थे जिसकी फसल तुम आज खा रहे हो वह हमारा मेहनत का है तुम्हारे बाबूजी के साथ मेरा भी पसीना लगा हुआ और तुम चाहते हो अकेले सुख भोगना हमको अपमानित करने के लिए तुम और क्या-क्या करोगें और क्या-क्या करना बाकी रह गया है। हम तुमको और मौका नहीं देंगे अपने आप को अपमानित करने के लिए।
ठीक है अभी तक हमको जमीन नहीं मिला जहां गए थे वह बहुत बड़ा रेट मांग रहा है लेकिन तुम्हारी जमीन पर अब खेती इसके बाद भी हम नहीं करेंगे हम अपनी जमीन को जाएंगे उसे पर मेहनत करेंगे अपने बेटों के साथ जिसमें मेरे सम्मान के लिए मेरा पसीना बहेगा तुम्हारे लिए नहीं।
क्या सोचते थे तुम तुम्हारे बाबूजी की वफादारी की तो तुम्हारा भी मैं वफादार रहूंगा मैं सम्मान का वफादार हूं जहां सम्मान नहीं वहां वफादारी का कोई मायने नहीं।