रांचीः सरना प्रार्थना सभा के संस्थापक सह समाज सुधारक सरना रत्न से सम्मानित दादा विरेन्द्र भगत की आज तृतीय पुण्यतिथि मनाया गया। रातू के होचर पतराटोली स्थित उनके समाधि स्थल पर सैकड़ों की संख्या में आए शुभचिंतकों एवं सामाजिक, राजनीतिक लोगों ने पुष्प अर्पित कर स्व विरेन्द्र भगत को श्रद्धांजलि अर्पित की।
जाने कौन है विरेन्द्र भगत
बता दें कि विरेन्द्र भगत किसी भी पहचान के मोहताज नहीं है। उनकी गिनती झारखंड के उन चुनिंदा लोगों में की जाती है जिन्होंने आदिवासियो को उनकी पहचान दिलाने में अपनी पूरी जिंदगी लगा दी। उन्होंने झारखंड आंदोलन में अपनी पूर्ण समर्थन देते हुए अलग राज्य के लिए लंबी लड़ाई लड़ी।
आजसू पार्टी के संस्थापक रहे हैं
इसके साथ ही आज आजसू पार्टी जिस मुकाम पर है उसके संस्थापक सदस्यों में से एक माने जाते हैं। इसके साथ ही झारखंड में सरना प्रार्थना सभा उन्हीं की ही देन है जिसके कारण आज जगह-जगह पर आदिवासी एकजुट होते हैं। आदिवासियों को एकजुट करने के लिए विरेन्द्र दादा ने पूरजोर मेहनत में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से रांची जिला परिषद की अध्यक्ष सरना रत्न दादा वीरेंद्र भगत जी की धर्मपत्नी श्रीमती निर्मला भगत जी, राजेंद्र भगत, चिंटू मिश्रा, तारूप मुखिया अहिल्या कच्छप, पंचायत समिति सदस्य सालगी उरांव, पुरिया पंचायत की मुखिया ज्योति भगत, सुंडील मुखिया लीला तिर्की, पंचायत समिति जितेंद्र कांशी, उपमुखिया बंधु महतो, बसंत भगत, देवेंद्र पाहन, बसंत पाहन, अशोक ठाकुर, चंद्रदीप उरांव, अमीन मुंडा, संगीता उरांव, रीमा उरांव, सुनील पाहन, महादेव पाहन, आदि सैकड़ों शुभचिंतक साथी उपस्थित हुए।