आज हम बात करेंगे बिहार की यादव लैंड कही जाने वाली मधेपुरा लोकसभा सीट की. मधेपुरा में यादव वोटर्स ही किसी भी प्रत्याशी का भविष्य तय करते हैं और यहां यादव का दबदबा इतना है कि इस सीट पर पार्टी भी यादव प्रत्याशी को ही टिकट देते हैं. मधेपुरा को लेकर बिहार में एक पंक्ति काफी चर्चित है , इस सीट को लेकर कहा जाता है कि रोम पोप का और मधेपुरा गोप का.
मधेपुरा राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव की भी सीट रही है. लालू यादव मधेपुरा से दो बार सांसद रह चुके हैं. मधेपुरा सीट में अब तक हुए चुनाव में सिर्फ एक सांसद को छोड़ के सभी यादव ही यहां से दिल्ली पहुंचे हैं.
मधेपुरा लोकसभा सीट पर 2024 के चुनाव में जदयू और राजद के बीच टक्कर होने वाली है. जदयू ने एक बार फिर मधेपुरा से मौजूदा सांसद दिनेश चंद्र यादव को टिकट दिया है. वहीं राजद ने कुमार चंद्रदीप को अपना प्रत्याशी बनाया है.
मधेपुरा लोकसभा में विधानसभा की 6 सीटें आती हैं. आलमनगर, बिहारीगंज, मधेपुरा, सोनबर्षा, सहरसा और महिषी. इन 6 में से 4 सीटों पर जदयू का ही कब्जा है. शेष 2 सीटों में 1 पर राजद और 1 पर बीजेपी के विधायक हैं.
आलमनगर में नरेंद्र नारायण यादव जदयू से विधायक हैं. बिहारीगंज में भी जदयू से निरंजन मेहता विधायक हैं. मधेपुरा में राजद से चंद्रशेखर यादव का कब्जा है, सोनबर्षा में जदयू से रत्नेश सदा विधायक हैं. सहरसा में आलोक रंजन झा बीजेपी से और महिषी गुंजेश्वर साह जदयू विधायक है.
मधेपुरा में यादव वोटर के बाद मुस्लिम, ब्राह्मण और राजपूत वोटर की संख्या अधिक है.
मधेपुरा लोकसभा सीट के इतिहास पर एक नजर डालें तो. मधेपुरा लोकसभा में चुनाव 1967 में शुरु हुए, बीपी मंडल को छोड़कर बाकी सभी सांसद यादव जाति के ही बने.
1967 में बीपी मंडल संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी से सांसद बने.
1968 के उपचुनाव में बीपी मंडल निर्दलीय चुनाव लड़कर दिल्ली पहुंचे.
1971 में मधेपुरा लोकसभा पर कांग्रेस ने कब्जा किया, राजेंद्र प्रसाद यादव सांसद बने.
1977 के चुनाव में बीपी मंडल तीसरी बार सांसद बने, लेकिन इस बार बीपी मंडल ने जनता पार्टी के टिकट से चुनाव लड़ा और जीता.
1980 में राजेंद्र प्रसाद यादव कांग्रेस से जीते.
1984 के चुनाव में कांग्रेस ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की ,महावीर प्रसाद यादव जीत कर दिल्ली पहुंचे.
जिसके बाद 1989 से 1996 तक मधेपुरा में जनता दल परचम लहराया लगातार तीन बार इस सीट पर कब्जा किया.
1989 में रमेंद्र कुमार यादव जनता दल के टिकट से चुनाव जीते.
1991 में शरद यादव ने दूसरी बार भी जनता दल की जीत बरकरार रखी.
जिसके बाद 1996 के चुनाव में जनता दल ने जीत की हैट्रिक लगाई और शरद यादव दुबारा सांसद बने.
1998 में इस सीट पर राजद ने अपनी पहली जीत हासिल की, राजद सुप्रीमो लालू यादव यहां से जीते.
1999 में जदयू से शरद यादव ने जीत हासिल की.
2004 में एक बार फिर राजद से लालू यादव जीते.
लेकिन 2004 में मधेपुरा में उपचुनाव हुए और राजद के टिकट से ही बाहुबली पप्पू यादव ने जीत दर्ज की.
2009 में शरद यादव जदयू से जीते.
2014 के चुनाव में पप्पू यादव राजद के टिकट से फिर से जीते और दिल्ली पहुंचे.
2019 के चुनाव में मधेपुरा सीट पर जदयू ने कब्जा जमाया, दिनेश चंद्र यादव ने यहां से जीत हासिल की.
अब जदयू ने यहां से दिनेश चंद्र यादव पर एक बार फिर भरोसा जताया है, वहीं मधेपुरा लोकसभा सीट से राजद ने कुमार चंद्रदीप को अपना प्रत्याशी बनाया है.
अब मधेपुरा एक बार फिर जदयू के झोली में जाएगी या फिर राजद यहां से वापसी करने में सफल रहेगी ये तो चुनावी नतीजों के बाद ही पता चल पाएगा.