Wednesday, October 22, 2025
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बिहार चुनाव में सीट शेयरिंग पर सांसद पप्पू यादव ने कहा, जनता चाहती है बिहार में बने महागठबंधन की सरकार

बिहार चुनाव में सीट शेयरिंग पर सांसद पप्पू यादव ने कहा, जनता चाहती है बिहार में बने महागठबंधन की सरकार पटना :  बिहार विधानसभा में चुनाव में महागठबधन के अंदर सीटों को लेकर अभी तक सस्पेंस जारी है और कोई भी पार्टी समझौते के मुड में नही दिख रही है। पहले चरण में कुल 121 विधानसभा सीटों पर चुनाव होगा है जिसमें 13 सीटों पर महागठबंधन के दल आमने सामने है और सीधे अपने ही दल को टक्कर दे रहे हैं ऐसे में बढत एनडीए को होता दिख रहा है। इसको लेकर मान मनौव्वल का दौर भी जारी है। मुख्य...

महागठबंधन में सुलह की कोशिश: आज पटना में तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेताओं की साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस, लालू यादव से भी मुलाकात करेंगे दिग्गज

पटना में आज तेजस्वी यादव और कांग्रेस नेताओं की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। महागठबंधन में मतभेद दूर करने और विपक्षी एकता बनाए रखने की कोशिश जारी।महागठबंधन में सुलह की कोशिश  पटना: बिहार की सियासत में आज बड़ा दिन है। राजद और कांग्रेस के बीच चल रहे मतभेदों को खत्म करने के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पटना पहुंच चुके हैं। वे आज लालू प्रसाद यादव और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव से मुलाकात करेंगे। सूत्रों के अनुसार, यह मुलाकात महागठबंधन में बढ़ते असंतोष को थामने की दिशा में अहम कदम है। कांग्रेस नेतृत्व ने स्पष्ट संदेश दिया है कि बिहार में...

राजनीतिक हलचल: अशोक गहलोत कल पहुंचेंगे पटना, तेजस्वी यादव से मुलाकात कर करेंगे Damage Control

अशोक गहलोत 23 अक्टूबर को पटना आएंगे। तेजस्वी यादव से मुलाकात और साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। महागठबंधन में तालमेल के लिए डैमेज कंट्रोल मिशन पर हैं।राजनीतिक हलचल पटना: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत मंगलवार (23 अक्टूबर) को पटना पहुंच रहे हैं। उनके आगमन को महागठबंधन में हालिया मतभेदों के “डैमेज कंट्रोल मिशन” के रूप में देखा जा रहा है। गहलोत यहां राजद नेता तेजस्वी यादव से मुलाकात करेंगे। दोनों नेताओं के बीच बिहार में विपक्षी एकता और सीट शेयरिंग पर चर्चा हो सकती है। मुलाकात के बाद वे संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे, जिसमें...

1932 खतियान: लोबिन हेंब्रम ने बोरियो में निकाला जुलूस

साहिबगंज : 1932 का खतियान लागू – झारखंड कैबिनेट में 1932 खतियान प्रस्ताव पारित

होने के बाद झामुमो विधायक

लोबिन हेंब्रम ने अपने विधानसभा क्षेत्र बोरियो में जुलूस निकाला.

इस दौरान विधायक लोबिन हेंब्रम ने कहा कि हमने सदन के भीतर एवं सदन के बाहर भी 1932 खतियान को

लागू करने के लिए अपने सरकार को आईना दिखाने का काम करते आए.

1932 का खतियान लागू करने के लिए खाई थी सौगंध

उन्होंने कहा कि हमने 3 अप्रैल को अपने विधानसभा क्षेत्र में जनसभा का आयोजन करते हुए

हजारों की संख्या में उपस्थित आदिवासी मूलवासी लोगों के साथ सौगंध खाई थी कि

जब तक 1932 का खतियान लागू नहीं होता है हमारा आंदोलन जारी रहेगा.

मैंने राज्य के कई विधानसभा क्षेत्रों में भी जाकर लोगों को जगाने का काम किया.

अंततः हमारे मुख्यमंत्री ने दरिया दिल दिखाते हुए सदन में उन्हें 1932 के खतियान को

लागू करते हुए स्थानीय नीति एवं नियोजन नीति के प्रस्ताव को पारित कर दिया है.

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1932 का खतियान लागू – लोबिन हेंब्रम ने भाजपा पर साधा निशाना

उन्होंने यह भी कहा कि 22 वर्ष झारखंड के अलग राज बनने को हो गया है.

इस 22 वर्ष में सबसे अधिक वर्ष भारतीय जनता पार्टी ने राज किया है.

उसके बावजूद उन्होंने 1932 की खतियान को लागू नहीं होने दिया था.

अंततः झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार ने ही 1932 की खतियान को विधानसभा में पारित करते हुए इसे लागू करने का प्रस्ताव लिया है, यह अत्यंत खुशी की बात है.

पूर्व में हमारे विधायक साथी एवं कार्यकर्ता नहीं दे रहे थे साथ

विधायक लोबिन हेंब्रम ने पत्रकारों को बताया कि 1932 खतियान को लागू करने के लिए 3 अप्रैल 2022 को हमने बोरियो में उलगुलान किया था. हमारे आंदोलन में शामिल नहीं होने के लिए हमारे ही पार्टी के कई विधायक एवं वरीय कार्यकर्ता भोले-भाले आदिवासी एवं मूलवासी को बरगलाने का काम किया था. लोगों को डराते हुए कहा था कि लोबिन हेंब्रम के कार्यक्रम में मत जाओ वहां बम और गोली चलेगी. इसके बावजूद हजारों की संख्या में आदिवासी मूलवासी हमारे कार्यक्रम में शिरकत की. आज हमारी जीत हुई है अभी और आंदोलन बांकी है. जब तक धरातल पर हमारी मांग पूर्ण नहीं होती है यह आंदोलन जारी रहेगा.

अब सीएनटी-एसपीटी एक्ट की लड़ाई

लोबिन हेंब्रम ने कहा कि 1932 का खतियान तो लागू हो गया, परंतु अभी लंबी लड़ाई बांकी है. सीएनटी, एसपीटी एक्ट, पेशा कानून को भी जल्द लागू करना पड़ेगा. साथ ही लोगों ने यह भी कहा कि यहां के जल, जंगल, जमीन की भी रक्षा करनी पड़ेगी, इसकी भी लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि हमारे आंदोलन को हमारे ही पार्टी के कई विधायक और वरीय कार्यकर्ता विफल करने के लिए एड़ी चोटी एक कर दिए थे. अंततः हमारी जीत हुई. 1932 खतियान विधानसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पारित कर ही दिया है, लेकिन अभी लड़ाई और बांकी है.

रिपोर्ट: अमन राय

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