मधुबनी : मधुबनी के फुलपरास में हुई दर्दनाक घटना के बाद बिहार में इस बात की चर्चा है कि आखिर डीएम की गाड़ी से ये हादसा कैसे हुआ। कैसे चंद मिनट में तेज रफ्तार डीएम की गाड़ी ने तीन लोगों की जान ले ली। अबतक इस बात का खुलासा क्यों नहीं हुआ कि गाड़ी में डीएम साहेब थे या नहीं। किसकी लापरवाही से ये हादसा हुआ और गाड़ी की फिटनेस कितनी थी।
हादसे की ये तस्वरी देखिए जिसमें सफेद रंग की इनोभा क्रिस्टा 2.4 जी गाड़ी का नंबर बीआर 43 ई 0005 जिलाधिकारी मधेपुरा लिखा है। हादसे में तीन लोगों की जान चली गई। एक व्यक्ति जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहा है। हादसे के बाद डीएम की गाड़ी में सवार सभी फरार हैं। इसमें डीएम साहेब थे या नहीं यह 24 घंटे के बाद भी पहेली बनी हुई है। लेकिन हादसा इसी गाड़ी से हुआ। उग्र लोगों ने गाड़ी की ऐसी की तैसी कर दी। अब जो हम बताने वाले हैं उससे न सिर्फ आपके बल्कि प्रशासन और सरकार के होश उड़ जाएंगे। जनता की गाढ़ी कमाई से स्पीड में चलने वाले ये अधिकारी गाड़ी की फिटनेस को लेकर कितने लापरवाह हैं। मधेपुरा डीएम लिखी इस गाड़ी की आनलाईन जांच की तो बहुत कुछ राज निकलकर बाहर आया है।
यकीन मानिए बिहार की राजधानी पटना से सिर्फ एक साल में 14 करोड़ का चलान काटने वाली ट्रैफिक पुलिस जनता के कैश पर ऐश कर रही है। चारों तरफ सीसीटीवी का ऐसा खौफ है कि गाड़ी निकालना मुश्किल हो गया है। छोटी और बड़ी सभी गाड़ियां ट्रैफिक रूल का हवाला देकर चलान भर रही है। लेकिन सवाल है कि क्या ये ट्रैफिक रूल सिर्फ जनता के लिए है या फिर ये रूल ये कानून ये नियम अधिकारियों, पदाधिकारियों और माननीयों पर लागू नहीं होता। अगर होता तो फिर हादसे के बाद मधेपुरा डीएम की जानलेवा गाड़ी का चलान क्यों नहीं काटा गया। क्यों नहीं इस गाड़ी को जब्त किया गया। क्यों हादसे के लिए ऐसी गाड़ियां रफ्तार के साथ घूम रही है।
मधेपुरा डीएम की जानलेवा गाड़ी का फिटनेस जानिए
रजिस्ट्रेशन का तारीख – 30 जनवरी 2019
फिटनेस वैलिड अपटू – 29 जनवरी 2034
इंस्यूरेन्स वैलिड अपटू – 23 दिसम्बर 2019
पॉलूसन वैलिड अपटू – 24 सितम्बर 2021
कुमार गौतम की रिपोर्ट
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