रांची: युनिवर्सिटी अंतर्गत सभी अंगीभूत, संबद्ध और अल्पसंख्यक कालेजों में अब बिना सत्यता जांचे किसी भी कंपनी, संस्थान व उद्योग को प्लेसमेंट ड्राइव चलाने पर रोक लगा दी गई है।
आरयू के कुलपति डा. अजीत कुमार सिन्हा के निर्देश पर सभी कालेजों के प्राचार्य, प्रोफेसर इंचार्ज को पत्र भेजकर इसे सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
दरअसल, गत वर्ष रांची वीमेंस कालेज में बिहार से आई एक कंपनी ने बीएड की छात्राओं को नौकरी देने की बात कही थी। इसके बाद तत्कालीन विभागाध्यक्षा ने जब पड़ताल की तो पता चला कि उक्त कंपनी का कोई स्कूल बिहारशरीफ में नहीं है।
छात्राओं का नाम न छापने की शर्त पर पूर्व विभागाध्यक्षा ने कहा कि संदेह होने पर उन्होंने कहा शिक्षिका बनने को उत्सुक सभी छात्राओं को उक्त स्कूल में ज्वाइन नहीं करने की सलाह दी।
वहीं कंपनी से आए प्रतिनिधियों को भी बैरंग लौटा दिया। वीमेंस कालेज की प्राचार्या डा. सुप्रिया ने बताया कि लगातार ऐसी स्थिति बन रही थी, जिसके बाद हमने निर्णय लिया कि इसकी शिकायत विभाग के उच्च पदस्थों से की जाए।
इसके अलावे भी आरयू प्रशासन को शिकायत मिली थी कि कुछ कंपनी, संस्थान और उद्योग छात्रों, विशेष कर छात्राओं को नौकरी देने के लिए कालेज में बिना अनुमति प्लेसमेंट ड्राइव के लिए आ रहे हैं।
नौकरी के नाम पर कम वेतन में उन्हें चयनित कर ले जाते हैं। यह भी जानकारी मिली कि छात्राएं नौकरी के नाम पर संबंधित कंपनियों, संस्थानों व उद्योगों में योगदान करती हैं लेकिन वह ट्रैफिकिंग (तस्करी) की शिकार हो जा रही हैं। आरयू के रजिस्ट्रार द्वारा जारी पत्र में इस बात का उल्लेख है कि छात्राएं ट्रैफिकिंग (तस्करी) की शिकार हो रही हैं।