Desk. कोलकाता के सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या मामले में विरोध प्रदर्शन जारी है। इस बीच तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने तीन बड़े टीवी चैनलों का बहिष्कार कर दिया है और अपने प्रवक्ताओं को नहीं भेजने का ऐलान किया है। पार्टी ने मामले में बंगाल विरोधी एजेंडा चलाने का आरोप लगाते हुए यह फैसला लिया है।
टीएमसी का तीन टीवी चैनलों का बहिष्कार
टीएमसी ने स्टेटमेंट जारी करते हुए बताया है कि बंगाल विरोधी एजेंडा चलाने के लिए एबीपी, रिपब्लिक और टीवी 9 पर पार्टी अपने प्रवक्ताओं को नहीं भेजेगी। साथ ही पार्टी ने आरोप लगाया है कि चैनल “दिल्ली के जमींदारों को खुश करने के लिए मजबूर हैं, क्योंकि उनके प्रमोटर और कंपनियां जांच और चल रहे प्रवर्तन मामलों का सामना कर रहे हैं।”
टीएमसी ने बयान में कहा है, “बंगाल के लोगों ने इस अपवित्र बांग्ला बिरोधी नेक्सस को लगातार खारिज किया है और हमेशा प्रचार के बजाय सच्चाई को चुना है।” बता दें कि, 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में पीजी मेडिकल द्वितीय वर्ष की एक छात्रा के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले से निपटने के लिए ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली टीएमसी आलोचनाओं के घेरे में है।
वहीं मामले में राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही भाजपा ने मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि वह महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफल रही हैं, जिससे पश्चिम बंगाल देश का सबसे असुरक्षित राज्य बन गया है। इस बीच, तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए उन पर बलात्कार और हत्या पर जनता के असंतोष का फायदा उठाने और लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास का आरोप लगाया गया है।