डिजीटल डेस्क: Breaking – RG Kar केस में डॉ. संदीप पर कोर्ट परिसर में फेंका गया जूता, 23 तक जेल । RG Kar मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीते 8-9 अगस्त को मेडिकल छात्रा के रेप और मर्डर की घटना का लोगों में भारी आक्रोश है। वह आक्रोश मंगलवार को अलीपुर कोर्ट में RG Kar अस्पताल में भ्रष्टाचार केस में सीबीआई रिमांड में चल रहे पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप की पेशी पर भी दिखा।
कोर्ट में इजलास में आरोपी की पेशी के समय भी मौजूदा महिला वकीलों ने जमकर ताने कसे, धमकियां दी और अपशब्द तक कहे। जैसे-तैसे हालात को न्यायाधीश ने संभाला और इजलास में शारीरिक उत्पीड़न न करने को चेताया एवं आरोपी डॉ. संदीप घोष, सुमन हाजरा, विप्लव सिंह और अफसर अली को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का निर्देश दिया।
इजलास से बाहर निकालकर सीबीआई के गाड़ी में बैठाए जाने के दौरान डॉ. संदीप को लक्ष्य के नाराज भीड़ में से किसी ने अचानक जूता फेंका।
पेशी के दौरान डॉ. संदीप पर महिला वकीलों ने जमकर कसी फब्तियां, दिए ताने
RG Kar मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिकल छात्रा के साथ हुई घटना से जारी लोगों में नाराजगी का लावा मंगलवार को अलीपुर कोर्ट परिसर में फिऱ फूटा। पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष पर घटना के पहले दिन से ही जूनियर डॉक्टरों ने नाराजगी जाहिर की थी।
आरोप है कि डॉ. संदीप और उनके सहयोगी अस्पताल में अपना सिंडिकेट चलाते थे और उसी क्रम में वहां पढ़ने वाले मेडिकल विद्यार्थियों की भी शोषण करते थे जिसकी कि मृत छात्रा ने जीवित रहने के दौरान खुलकर विरोध किया था।
उस छात्रा ने इस सिंडीकेट का भंडाफोड़ करने की चेतावनी तक दी थी और चेता दिया था कि वह उनके कारनामों को उच्च-स्तर पर बता कर रहेगी जिसके बाद उसे सबक सिखाने की धमकियां भी मिली थीं। उन्हीं सारी बातों को लेकर लोगों में शुरू से ही डॉ. संदीप और उनके सहयोगियों के खिलाफ नाराजगी है।
मंगलवार को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार डॉ. संदीप समेत चारों आरोपियों की पेशी के दौरान वही नाराजगी इजलास के पास मौजूद वकीलों में भी देखी गई। महिला वकीलों का गुस्सा काफी मुखर था।
वह खुलेआम डॉ. संदीप का दांत तोड़ डालने की बात करने लगीं और कह रही थीं कि सरकारी पैसे पर ऐसे आदमी को जेल में रोटी क्यों खाने दिया जाए, उस लायक इसे छोड़ना ही नहीं है।
इस पर सिर नीचे कर इजलास में डॉ. संदीप मुस्कुराने की कोशिश करते दिखे तो महिला वकीलें चीख पड़ीं कि – ‘दुराचारी…ओ दुराचारी…अरे रेपिस्ट…थू..थू…अपराधी को हंसी शोभा नहीं देता…इसके दांत तोड़ो…जूते मारो इसको….नहीं सुधरने वाला ऐसे..’।
महिला वकीलें बोलीं – लड़ाई लड़ाई, लड़ाई चाहिए…संदीप घोष को फांसी चाहिए
लोगों को भारी नाराजगी को देख कर कोर्ट में पेशी के दौरान आरोपियों की लिंचिंग की आशंका से सीबीआई और केंद्रीय बलों के अधिकारी परेशान हो उठे। उन्होंने आरोपियों को उस रास्ते से इजलास में पेश किया और वहीं से वापस बाहर निकाला जो न्यायाधीश के सेफ रखा रहता है। इस पर महिलाओं वकीलों पर बहुत ज्यादा आक्रोश दिखा।
लगातार वे चिल्ला रही थीं और तमाम नारे देते हुए अपनी बातें भी कहती जा रही थीं – ‘दुराचारियों को वीआईपी ट्रीटमेंट क्यों….एक बार भीड़ में छोड़ो, फिर न्याय मौके पर होगा…लड़ाई, लड़ाई, लड़ाई चाहिए…संदीप घोष को फांसी चाहिए…क्यों रे दुराचारी, कहां है तेरा बाडीगार्ड, चेहरा नीचे क्यों किया है…रे दुराचारी जरा चेहरा तो ठीक से दिखा….क्यों शर्म आ रही है…जो बेटी के साथ किया तो शर्म नहीं आई रे…मारो..मारो..’।
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