दरभंगा: पूर्णिया से भटक कर दरभंगा आये एक युवक स्थानीय समाजसेवी की पहल पर अपने परिवार से दुबारा मिल गया। दरअसल मानसिक रूप से विक्षिप्त पूर्णिया का एक युवक भटक कर दरभंगा के सिमरी पहुंच गया जहां उसे किसी अज्ञात वाहन ने ठोकर मार दी। घायल हालत में सिमरी थाना की पुलिस ने उसे डीएमसीएच में भर्ती कराया।
डीएमसीएच में युवक का इलाज तो चल रहा था लेकिन उसकी स्थिति काफी खराब थी। इसी दौरान एक स्थानीय समाजसेवी लालबाबू अंसारी की नजर उस पर पड़ी। उन्होंने जब उसके बारे में छानबीन की तो लोगों ने बताया कि वह मानसिक रूप से विक्षिप्त है और उसके साथ यहां कोई नहीं है। इसके बाद समाजसेवी लालबाबू अंसारी ने हिन्द मानव सेवा संस्थान से संपर्क किया और फिर संस्था के कर्मियों ने डीएमसीएच पहुंच कर पीड़ित की देखभाल की। इसके साथ ही उन्होंने पीड़ित का फोटो सोशल मीडिया पर अपलोड कर पहचान की अपील की।
सोशल मीडिया के माध्यम से पीड़ित के परिजन तक जानकारी पहुंची और फिर वे लोग डीएमसीएच पहुंचे। पीड़ित युवक की मां ने बताया समाजसेवी लालबाबू अंसारी और समाजसेवी संस्था को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनका पुत्र मानसिक रूप से कमजोर है। वह 10 जनवरी को ही भटक गया था और यहां तक आ पहुंचा। हिन्द मानव सेवा संस्थान के संस्थापक आरजू ने कहा कि यह हर नागरिक का कर्तव्य है कि यदि कोई व्यक्ति संकट में हो तो उसकी मदद की जाए।
उन्होंने इस घटना को समाज में आपसी सहयोग और मानवता की मिसाल बताते हुए कहा कि हमारी संस्थान असहाय लोगों की मदद में हमेशा से तत्पर रहा है और आगे भी रहेगा। आज हमें काफी खुशी हो रही है कि हम लोगों ने एक मां को अपने बेटे से मिलवाया है। बताते चले कि मां बेटे का मिलन की यह घटना अस्पताल में चर्चा का विषय बनी हुई है और लोगों ने समाजसेवी लालबाबू अंसारी और मानव सेवा संस्थान के कार्य की सराहना करते हुए इसे समाज में एक आदर्श उदाहरण बता रहे है।
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दरभंगा से वरुण ठाकुर की रिपोर्ट
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