रांची: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को लगातार दूसरे दिन निजी स्कूलों द्वारा मनमाने तरीके से री-एडमिशन और अन्य फीस वसूली का मुद्दा छाया रहा। भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद के सवाल पर चर्चा के दौरान शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने स्पष्ट किया कि ऐसे स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उनकी मनमानी पर रोक लगाने के लिए सरकार कानून बनाएगी।
प्रदीप प्रसाद ने सदन में सवाल उठाते हुए कहा कि समान फीस पर एक समान शिक्षा क्यों नहीं मिल सकती? उन्होंने सरकार से मांग की कि जब निजी स्कूलों को मान्यता दी जाती है, तो उनकी मनमानी पर भी अंकुश लगाने के लिए कड़े कानून बनाए जाएं और जरूरत पड़ने पर उनकी मान्यता रद्द की जाए।
इसी मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने कहा कि निजी स्कूलों में हर साल री-एडमिशन के नाम पर अतिरिक्त शुल्क वसूली और अन्य विसंगतियों को रोकने के लिए सरकार को कानून बनाना चाहिए। इस पर शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने जवाब देते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यालय में विद्यालय प्रबंध समिति होती है, जिसमें प्रिंसिपल, शिक्षक और अभिभावक शामिल होते हैं। इसके अलावा, जिलों में भी डीसी की अध्यक्षता में कमेटी बनी हुई है। अगर कमेटी अनुशंसा करती है, तो निश्चित रूप से सरकार इस पर कानून बनाएगी।
सरकार की इस घोषणा के बाद राज्य में निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाने को लेकर अभिभावकों में उम्मीद जगी है।
