वेतनमान, स्थायीत्व और J-TET समतुल्यता की मांग पर अड़े सहायक शिक्षक, सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन की चेतावनी
रांची: झारखंड के विभिन्न जिलों से आए आकलन परीक्षा पास पारा शिक्षक सोमवार को राजधानी पहुंचे और शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के आवास के बाहर एक दिवसीय धरना देने का प्रयास किया। हालांकि जिला प्रशासन ने सुरक्षा और कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए उन्हें वहां धरना देने की अनुमति नहीं दी, और सड़क के दूसरी ओर स्थानांतरित कर दिया। इसके बावजूद पारा शिक्षक सड़क किनारे बैठ गए और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया।
धरने पर बैठे शिक्षकों का कहना है कि उन्होंने विभागीय आकलन परीक्षा जैक के माध्यम से पास की है, जो J-TET के समतुल्य मानी जानी चाहिए। शिक्षकों का तर्क है कि राज्य में विगत दस वर्षों में सिर्फ दो बार J-TET परीक्षा आयोजित हुई है, जबकि हजारों पारा शिक्षक वर्षों से सेवा दे रहे हैं। ऐसे में आकलन परीक्षा को समकक्ष मान्यता मिलनी चाहिए ताकि उन्हें आगामी 24,000 सहायक शिक्षक नियुक्तियों में अवसर मिल सके।
प्रदेश अध्यक्ष और उपस्थित शिक्षकों ने कहा कि वेतनमान की मांग को लेकर वे कई बार सरकार को सूचित कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासनिक स्तर पर उन्हें बार-बार नजरअंदाज किया जा रहा है और अब उनकी नाराजगी बढ़ती जा रही है। पारा शिक्षकों का कहना है कि जब राज्य सरकार उनके काम को मान्यता देती है, चुनावों से लेकर विभिन्न विभागीय कार्यों में सहयोग लेती है, तो उन्हें उचित वेतनमान और स्थायीत्व क्यों नहीं दिया जा रहा?
धरना स्थल पर मौजूद एक शिक्षक ने कहा— “हम सालों से सेवा दे रहे हैं। परीक्षा पास कर चुके हैं। लेकिन न स्थायीत्व मिला और न ही वेतनमान। हम अब आंदोलन को व्यापक करेंगे, चाहे पुलिस की लाठी खानी पड़े या जेल जाना पड़े।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को जल्द नहीं माना, तो राज्यव्यापी उग्र आंदोलन किया जाएगा।
शिक्षकों ने यह भी बताया कि उन्होंने धरना कार्यक्रम की सूचना एक महीने पहले ही प्रशासन को दे दी थी और उसकी रिसीविंग की प्रति भी उनके पास मौजूद है। इसके बावजूद उन्हें जबरन शिक्षा मंत्री आवास के सामने से हटाया गया और दूर सड़क किनारे बैठाया गया।
धरना स्थल पर सुरक्षा के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था। हालांकि, धरना पूरी तरह शांतिपूर्ण रहा।
अब देखना यह है कि राज्य सरकार पारा शिक्षकों की मांगों पर क्या रुख अपनाती है। क्या आकलन परीक्षा को J-TET के समकक्ष मान्यता मिलती है या नहीं और क्या आगामी शिक्षक नियुक्तियों में इन शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाती है या फिर आंदोलन और गहराता है।