Ranchi: राजधानी में नशे के कारोबार को खत्म करने के लिए रांची पुलिस ने अब एक नई और संवेदनशील रणनीति अपनाई है। ड्रग्स पैडलर्स के परिजनों को नशे के दुष्परिणामों के प्रति जागरूक किया जाएगा, ताकि वे अपने परिजनों को इस घातक कारोबार से बाहर निकालने में सक्रिय भूमिका निभा सकें।
इस नई पहल की शुरुआत डीआईजी सह एसएसपी चंदन कुमार सिन्हा के नेतृत्व में की गई है। रांची पुलिस मादक पदार्थों के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति पर कार्य कर रही है। पिछले डेढ़ वर्षों में करोड़ों रुपये के ड्रग्स जब्त किए गए हैं और सैकड़ों तस्कर गिरफ्तार कर जेल भेजे गए हैं।
परिजनों की काउंसलिंग करेगी पुलिस
- अब पुलिस ड्रग्स पैडलर्स के परिवारों से संवाद करेगी और उन्हें नशे की भयावहता से अवगत कराएगी।
- परिजनों को बताया जाएगा कि नशीले पदार्थों की तस्करी से न सिर्फ कानूनन अपराध होता है, बल्कि यह पूरा परिवार बर्बादी की ओर ले जाता है।
- पुलिस की टीमें जेल से छूटे ड्रग्स पैडलर्स के घर जाकर उन्हें वैकल्पिक व्यवसाय अपनाने के लिए प्रेरित करेंगी।
सुधार और पुनर्वास की दिशा में कदम
इस पहल का उद्देश्य केवल कार्रवाई नहीं, बल्कि सुधार और पुनर्वास है। पुलिस का मानना है कि नशे के कारोबार में शामिल कई युवा केवल कुछ रुपयों के लिए फंस जाते हैं, जिन्हें सही मार्गदर्शन देकर मुख्यधारा में लाया जा सकता है।एसएसपी चंदन सिन्हा ने कहा कि नशा सिर्फ एक व्यक्ति नहीं, पूरे परिवार को तबाह करता है। इसलिए अब परिजनों को भी इस मुहिम में जोड़ा जाएगा।
रिपोर्टः अलिशा रानी