RANCHI: विधायक सरयू राय ने एसीबी द्वारा पीई की अनुमति मांगने पर
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर हमला बोला है. उन्होंने सोशल मीडिया के
माध्यम से कहा है कि एसीबी ने मेरी जाँच के लिए पीई दर्ज करने की अनुमति माँगी है.
उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा है कि पीई क्यों,
सीधे एफआईआर कर 15 दिन में मामला निपटा दीजिये.
होटवार के बैरक 11ए और 11बी को भी सुकून मिलेगा.
जिन्होंने 2015-19 और 2020-22 के कारनामों को भ्रष्टाचार के फेविकोल से चिपकाकर नई जुगल जोड़ी बनाई है.
एसीबी ने क्यों मांगी पीई की अनुमति
एसीबी ने सरकार से पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक सरयू राय के
खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में पीई दर्ज कर जांच की
अनुमति मांगी है. इसके लिए मंत्रिमंडल निगरानी विभाग को पत्र लिखा है.
एसीबी ने सरकार से पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक सरयू राय के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में पीई दर्ज कर जांच की अनुमति मांगी है. इसके लिए मंत्रिमंडल निगरानी विभाग को पत्र लिखा है. बता दें कि जी कुमार ने सरयू के खिलाफ शिकायत दर्ज करायी थी कि उन्होंने मंत्री रहते एनजीओ युगांतर भारती के माध्यम से सरकारी धन का दुरुपयोग किया है. बिना टेंडर के आहार पत्रिका छपवाने में भ्रष्टाचार किया गया.
इसके साथ ही बाजार दर से अधिक दर पर वॉयस मैसेज का कार्यादेश जारी किया गया. अपने ही विभाग में करीबी व्यक्ति को बिना नियम के नियुक्त किया. एसीबी ने मामले की जांच रिपोर्ट में कहा है कि प्रथम दृष्टया गड़बड़ी प्रतीत होती है. इसलिए पीई दर्ज करने की अनुमति मिले. आरोप था कि युगांतर भारती झारखंड में निबंधित भी नहीं है. लेकिन उसे पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने सभी जिलों में पानी की जांच के नाम पर करोड़ों की अग्रिम राशि दी. आहार पत्रिका के प्रकाशन और वितरण के नाम पर भी अवैध कमाई की गयी.
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