PATNA: ओवैसी ने ठोंकी ताल – बिहार के कुढ़नी विधानसभा उपचुनाव में मुकाबला काफी रोचक दिख रहा है.
जैसे-जैसे दिन बीत रहा है जोर-आजमाईश भी तेज होती जा रही है.
कौन किसका खेल बिगाड़ेगा और कौन जीतेगा बाजी, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं.
राजनीतिक दल ही नहीं राजनैतिक विश्लेषकों के लिए भी अनुमान लगा
पाना काफी मुश्किल लग रहा है. खासतौर से पहले मुकेश सहनी की
वीआईपी पार्टी और अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी के ताल ठोंकने के बाद
मुकाबला दिलचस्प हो गया है. ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने
कुढ़नी में अपना उम्मीदवार उतार दिया है.
ओवैसी ने ठोंकी ताल- AIMIM ने गुलाम मुर्तजा अंसारी को बनाया अपना उम्मीदवार
पार्टी ने पूर्व ज़िला पार्षद गुलाम मुर्तजा अंसारी को अपना उम्मीदवार बनाया है.
खास बात ये है कि गुलाम मुर्तजा अंसारी इससे पहले जेडीयू
और आरजेडी दोनों पार्टियों में रह चुके हैं. एआईएमआईएम को उम्मीद है
कि वो गोपालगंज की तरह कुढ़नी में भी मुस्लिम वोट बैंक में
सेंधमारी कर महागठबंधन को सबक सिखाने में कामयाब रहेगी.
ओवैसी ने ठोंकी ताल – AIMIM के 4 विधायक हुए थे महागठबंधन में शामिल
दरअसल अपनी पार्टी के 4 विधायकों के टूटकर राजद में शामिल
होने के बाद से पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी महागठबंधन से काफी नाराज हैं.
अब एआईएमआईएम जहां महागठबंधन को झटका देने की कोशिश में है
वहीं मुकेश सहनी बीजेपी का खेल बिगाड़ने में जुटे दिख रहे हैं.
वीआईपी पार्टी ने निलाभ कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया है. निलाभ युवा नेता हैं. वो भूमिहार समाज से आते हैं और उनके पीछे राजनैतिक विरासत भी है. निलाभ के दादा स्वर्गीय साधु शरण शाही इलाके के बड़े नेताओं में गिने जाते थे. ऐसे में वीआईपी पार्टी को उम्मीद है कि निलाभ के परिवार के राजनैतिक प्रभाव का इस्तेमाल कर भूमिहार वोटों में सेंधमारी की जा सकती है. कुढ़नी विधानसभा में करीब 40 हजार के आसपास भूमिहार वोट हैं. हालांकि आमतौर पर भूमिहारों को बीजेपी का वोटर माना जाता है, लेकिन इन दिनों वो बीजेपी से नाराज बताये जा रहे हैं. पिछले दिनों हुए बोचहां और मोकामा उपचुनाव में बीजेपी को उम्मीद के मुताबिक भूमिहार वोट नहीं मिले जिससे दोनों जगहों पर पार्टी को हार का सामना करना पड़ा और अगर कुढ़नी में भी यही ट्रेंड रहा तो बीजेपी के लिए परेशानी का कारण बन सकता है.