रांचीः एआईएमआईएम (All India Majlis-e-Ittehad-ul-Muslimeen) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने झारखंड के डुमरी उपचुनाव में अपने पार्टी के उम्मीदवार मोहम्मद अब्दुल मोबिन रिजवी के लिए प्रचार करने डुमरी पहुंचे थे. उन्होंने ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस विधानसभा में विकास के लिए और झारखंड के गरीब और जरबरतमंदों के विकास के लिए मजलिस की एक आवाज को विधानसभा में पहुंचाइए. अगर आप अपना वोट देकर मजलिस के उम्मीदवार को कामयब नहीं करेंगे, तो आपसे कभी इंसाफ नहीं होगा. आपके गांव और विधानसभा में विकास का काम नहीं होगा. झारखंड में माॅब लींचिंग, आदिवासी और दलितों के खीलाफ होने वाले अन्याय तभी रूकेंगे जब आपके पास ऐसा एसएलए होगा जो पीड़ीतों के दुख को समझेगा और उनके लिए आवाज उठाएग. उनकी तकलीफ को अपनी तकलीफ समझकर इंसाफ की लड़ाई लड़ेगा. जबतक आप इस बात को नहीं समझेंगे, ये जुल्म जारी रहेगा.
झारखंड में हुए माॅब लींचिंग के गिनाए आंकड़े
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि अफसोस बस इस बात का है कि यहां पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आए थे और उन्होंने कहा कि झारखंड में कोई माॅब लींचिंग नहीं हुआ. मुख्यमंत्री को आइना दिखाने के लिए माॅब लींचिंग के शिकार हुए अशफाक खान की मां और बहन को मंच पर आना पड़ा है. क्या मुख्यमंत्री को अशफाक खान की मौत याद नहीं है. अशफाक खान की मौत उन्हीं की हुकुमत में हुई है. हम यहां के मुख्यमंत्री को याद दिलाना चाहेंगे कि कुछ दिन पहले रामगढ़ के एक गांव में शमशाद अंसारी की मौत कैसे हुई. शमशाद अंसारी को मारने वाले इसी जमी के लोग थे. उनलोगों ने शमशाद को मार डाला क्योंकि उन्हें पता था कि मुख्यमंत्री कुछ नहीं करेंगे और पीड़ित परिवार आज भी इंसाफ के लिए लड़ रही है. शमशाद अंसारी के परिवार के लोगों को मझसे मिलने से रोका गया. वहीं वाजिद अंसारी को चोरी के झूठे आरोप में पोल से बांधकर पीट-पीट कर मार दिया गया. गढ़वा में वसिम सज्जाद की मौत पुलिस कस्टडी में हो गई थी. वहीं जमशेदपुर में अल्पसंख्यक समाज के लोगों की 6 दुकानों को जला दिया गया.
अल्पसंख्यक समाज के खिलाफ हो रहे अत्याचार पर मुख्यमंत्री मौन क्यों
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि झारखंड सरकार सेक्यूर पार्टी की है. सरकार में कांग्रेस और राजद है. इसके बावजूद आपकी सरकार में दुकाने जल रही है. अल्पसंख्यक समाज के लोगों का कत्ल हो जाता है और मुख्यमंत्री हमको गाली देते हैं. सत्ता पर आप हैं और इल्जाम रिजवी पर लगा दिया जाता है और कहा हमें B टीम कहा जाता है. मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक समाज के लोगों की दुकान को जलने और माॅब लिंचींग का शिकार होने से क्यों नहीं बचाया. साहिल और मुद्दसिर की मौत पुलिस की गोलियों की वजह से हुई. उनके परिवार से मिलने कोई नहीं गया. लेकिन मैं मिला और मेरी मुलाकात सियासत के लिए नहीं थी. बल्कि मैंने उनके दुख दर्द को समझा और रूक नहीं सका. 16 साल के शहबाज खान को किसने मारा. इतना ही नहीं बीजेपी के पूर्व विधायक जर्मुंडी ने तौसीफ के मुंह पर थूका. मुख्यमंत्री हमें बताएं की इन सब मामलमों में उन्होंने क्या कार्रवाई की. मों कैफी और मो.असिफ को किसने पीट कर मार डाला. क्या हेमंत सोरेन को इनके मौत के बारे में भी नहीं पता.
राज्य में अल्पसंख्यक समाज का नहीं किया जा रहा विकास
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जब चुनाव आता है तो औवैसी का डर दिखाया जाता है. औवैसी या मजलिस को वोट देंगे तो बीजेपी जीत जाएगी. और आप मासूम लोग सिर्फ हराने के लिए वोट डालते है. लेकिन आज आपके पास विकल्प है. आप के सामने एक ऐसी पार्टी है जो किसी की सुनने वाली नहीं है. 2020 से 2021 तक केंद्र सरकार की ओर से झारखंड में अल्पसंख्य समाज के विकास के लिए स्कीम के तहत 155 करोड़ दिए गए. हेमंत सोरेन ने इसमें से मात्र 5 करोड़ खर्च किए. 41 लाख की आबादी में मात्र 25 स्कूल है. जबकि तेलांगना में हमने मुस्लिम बच्चों के लिए 204 गवर्मेंट रेसिडेंसिशयल स्कूल खुलवाया. जबकि वहां हमारी सरकार नहीं है. इसके अलावा शेटी जमात सेल 12वीं जमात तक हमारे बच्चे फ्री में पढ़ते है. तेलांगाना में शेट्टी जमात से एक लाख के करीब मुस्लिस बच्चे फ्री में पढ़ रहे है. इसके साथ ही अपने पारलियामेंट इलाके में एक जूनियर काॅलेज खुलवाया. इस जूनियर कॅालेज के 5 बच्चों का नीट एग्जाम में कोलिफाई कर गवर्मेंट के मेडीकल काॅलेज में पढ़ रहे है. ये सभी काम हम झारखंड में भी कर सकते है. जब जनता अपने विधायक को कामयाब करेंगे. झारखंड मुक्ति मोर्चा के लोग कहेंगे तेलांगना जैसा फंड झारखंड में नहीं है. झारखंड गरीब प्रदेश है. 2019-2020 में झारखंड सरकार को मिनिरल्स में 5 हजार 165 करोड़ रूपए मिले. झारखंड सरकार बताए कहां गया ये पैसा.