डिजीटल डेस्क : Breaking – ‘Aparajita Bill तकनीकी रिपोर्ट के अभाव में राजभवन में अटका, ममता सरकार के रवैये से नाखुश राज्यपाल। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मेडिकल छात्रा के रेप और मर्डर के बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने रेप की घटनाओं में तत्काल जांच और 30 दिनों में दोषी को दंडित करने संबंधी विधेयक ‘अपराजिता’ दो दिनों पहले विधानसभा में पारित किया था।
लेकिन वह बिल अनिवार्य तकनीकी रिपोर्ट के अभाव में राजभवन में अटक गया है क्योंकि बिना तकनीकी रिपोर्ट के राज्यपाल विधानसभा से पारित किसी भी बिल यानी विधेयक पर अपनी सहमति नहीं दे सकते।
Aparajita Bill : महत्वपूर्ण बिल पर ममता सरकार के रवैये से नाखुश राज्यपाल
‘दि अपराजिता वुमेन चाइल्ड (वेस्ट बंगाल क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट) बिल 2024’ के संबंधी में पश्चिम बंगाल राजभवन के एक अधिकारी ने इस बारे में बताया है कि राजभवन को भेजे गए Aparajita Bill के साथ पश्चिम बंगाल सरकार ने जरूरी तकनीकी रिपोर्ट संलग्न नहीं किया है।
राज्य सरकार की ओर से अतीत में भी कई विधेयकों के संबंध में यही कहानी रही थी। अब राज्य सरकार से इस तौरतरीके पर राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने गंभीर नाराजगी जाहिर की है।
एक समाचार एजेंसी के हवाले से कोलकाता स्थित राजभवन से सामने आए इस ब्योरे में राज्यपाल सीबी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के रवैए की आलोचना की है।
उन्होंने कहा कि अतीत में कुछ विधेयकों के साथ राज्य सरकार तकनीकी रिपोर्ट संलग्न नहीं किया था और बाद में बिल को अटकान का आरोप राजभवन पर मढ़ दिया गया। यह रवैया ठीक नहीं है।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने आगे कहा कि ‘दि अपराजिता वुमेन चाइल्ड (वेस्ट बंगाल क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट) बिल 2024’ जैसे व्यापक जनहित और अहमियत वाले विधेयक पर भी राज्य सरकार की ओर से पूरा होमवर्क न किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।