Breaking : कोलकाता निर्भया कांड में सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल प्रो. संदीप को सड़क से दबोचा

जनार्दन सिंह की रिपोर्ट

डिजीटल डेस्क कोलकाता निर्भया कांड में  सीबीआई ने पूर्व प्रिंसिपल प्रो. संदीप को सड़क से दबोचा, पूछताछ के लिए ले गई। बीते 8 अगस्त को आरजी मेडिकल कॉलेज की छात्रा के रेप और मर्डर के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट से मिले आदेश के बाद जांच में जुटी सीबीआई का एक्शन शुक्रवार को पूरे रौ में दिखा।

अब तक इस मामले में लगातार पुलिस और सीबीआई को गच्चा देकर गायब होते रहे और बच रहे कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल प्रोफेसर डॉ. संदीप घोष को धर दबोचा है।

बताया जा रहा है कि ड़ॉ. संदीप घोष सड़क मार्ग से कहीं जा रहे थे तभी मुखबिरों से मिली पुख्ता सूचना पर सीबीआई टीम ने उन पर हाथ डाला और फिर हिलने –डुलने का कोई मौका दिए बगैर हिरासत में लेकर अपने साथ ले गई।

पूर्व प्रिंसिपल से सीबीआई का सीधा सवाल – घटना की क्यों नहीं की शिकायत ?

बताया जा रहा है कि सीबीआई टीम ने शुरू से ही इस मामले में निशाने पर चल रहे डॉ. संदीप घोष का सही लोकेशन नहीं मिल रहा था और लगातार उनके करीब पहुंचकर भी सीबीआई के लोग हाथ मलते रह जा रहे थे लेकिन इस बार उन्हें धर दबोचने में कोई गलती नहीं हुई।

सीबीआई टीम डॉ. संदीप घोष को अपने साथ सीजीओ कांप्लेक्स स्थित सीबीआई के दफ्तर ले गई है जहां पूछताछ शुरू की जाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

सीबीआई का सवाल यह है कि घटना के बाद प्रिंसिपल रहते हुए डॉ. संदीप घोष ने पुलिस के पास अपनी ओर से शिकायत क्यों नहीं दर्ज कराई और क्यों ना उनके इस व्यवहार को पूरे मामले में उनकी ओर से की जाने वाली लीपापोती क्यों ना मानी जाए?

लगभग यही सवाल एक दिन पहले मामले की सुनवाई करते हुए कलकत्ता हाईकोर्ट की खंडपीठ ने भी किया था।

गिरफ्तारी से बचने हाईकोर्ट पहुंचे थे संदीप घोष, याचिका हुई खारिज, एक्शन में सीबीआई

सीबीआई टीम की ओर से दबोचे गए डॉ. संदीप घोष अपने ही एक चाल से शुक्रवार को सीबीआई को अपने खिलाफ ठोस एकशन लेने को प्रेरित किया। दरअसल, पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष ने शुक्रवार को ही कलकत्ता हाईकोर्ट में अपने लिए पुलिस सुरक्षा की मांग को लेकर याचिका दायर की।

उस याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया और नए सिरे से सोमवार को याचिका दायर करने के लिए निर्देशित किया।

इससे पहले जनहित याचिकाओं की एक दिन पहले सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया था कि तुरंत प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष को स्वैच्छिक अवकाश पर अनिश्चितकाल के लिए भेजने का निर्देश दिया।

राज्य सरकार ने आरजी कर अस्पताल में घटना होने के बाद जूनियर डाक्टरों के जबरदस्त विरोध को देखते हुए डॉ. घोष का तबादला नेशनल मेडिकल कॉलेज में कर दिया था।

वहां भी प्रदर्शनरत जूनियर डॉक्टरों ने डॉ. घोष के कार्यभार ग्रहण करने के लिए पहुंचने से पहले ही दफ्तर पर ताला जड़ दिया था। बताया जा रहा है कि यह डॉ. संदीप घोष वहीं हैं जिनके प्रिंसपल रहने के दौरान ही वर्ष 2023 में एक लाश लूटे जाने की घटना भी सामने आई थी।

(नोट—अभी खबर अपडेट हो रही है)

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