Breaking: कोलकाता निर्भया कांड को रविवार तक हल करे पुलिस नहीं तो जांच सीबीआई को सौंपेगी ममता, किया ऐलान

मीडिया से मुखातिब सीएम ममता बनर्जी

डिजीटल डेस्क : Breakingकोलकाता निर्भया कांड को रविवार तक हल करे पुलिस नहीं को जांच सीबीआई को सौंपेगी ममता, किया ऐलान। सोमवार दोपहर करीब पौने एक बजे उत्तर 24 परगना स्थित कोलकाता निर्भया कांड के पीड़ित के घर पहुंचीं मुख्यमंत्री बनर्जी ने कुछ देर रुकीं।

शोकसंतप्त बदहवास परिजनों से मिलीं और फिर बाहर निकलकर मीडिया से मुखातिब होकर ममता बनर्जी ने दो टूक कहा कि इस मामले की जांच में जुटी कोलकाता पुलिस रविवार तक पूरे मामले का खुलासा कर दे, अन्यथा की सूरत में अगले दिन से ही पूरे मामले की जांच राज्य सरकार की ओर से सीबीआई को सुपुर्द कर दी जाएगी।

ममता की दो टूक – तय समयसीमा में केस को हल करे कोलकाता पुलिस अन्यथा सीबीआई करेगी जांच

उत्तर 24 परगना में कोलकाता निर्भया कांड की पीड़िता के परिजनों से मिलकर निकलीं मुख्यमंत्री चिंतित मुद्रा में दिखीं। पूरे मामले पर उपजी कानून व्यवस्था की स्थिति और कोलकाता से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक हो रहे इस मामले की गूंज से सियासी तौर पर स्वाभाविक परेशानी उनके हावभाव से साफ झलक रही है।

हालांकि, वह खुद संवेदनशील मामलों में हमेशा की तरह ही इस बार भी जनभावनाओं के साथ ही खुद को गहराई से जोड़ते हुए खड़ी हैं। ममता बनर्जी ने छात्रा के साथ हुई घटना को जघन्य और अमानवीय बताते हुए दोषी के लिए फांसी की सजा की मांग की है।

सोमवार को मृत छात्रा के घर से निकलने के बाद मीडिया से मुखातिब होते ही ममता बनर्जी बोलीं- ‘पहले ही कह चुकी हूं कि यह बर्बर और जघन्य होने के साथ क्रूर अमानवीय घटना है। इसकी जितनी निंदा की जाए कम है। हमारी पुलिस गहनता से मामले की जांच में जुटी है लेकिन दूसरी ओर प्रदर्शन कर जूनियर डॉक्टरों की नाराजगी और मांगें भी जायज हैं। जांच में सामने आ रहे सारे तथ्य यथासंभव साझा भी किए जा रहे हैं।

गत शनिवार को पुलिस को 4 दिनों में दोषी को गिरफ्तार कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में पेश कर फांसी की सजा की मांग करते हुए केस दायर करने को कहा था। अब भी सोच वही है। जांच जारी है और सभी उद्वेलित हैं।

ऐसे में जनभावनाओं को भी ध्यान में रखते हुए जांच में जुटी कोलकाता पुलिस के अधिकारियों को साफ कर दिया है कि अगले रविवार तक मामले को हल कर दें और हर रहस्य से परदा उठाएं नहीं तो फिर पूरे मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाएगी’।

फाइल फोटो
फाइल फोटो

ममता बोलीं – सीबीआई की सफलता पर पूरा भरोसा नहीं, फिर जनता की संषुष्टि के लिए जरूरी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसी क्रम में आगे कहा कि ‘सीबीआई को जांच सौंपने तक देखा जाए कि जांच में हमारी पुलिस कहां तक मामले को हल करने में सफल रहती है। अपने पुलिस पर हमें पूरा भरोसा है। फिर भी रविवार तक की टाइमलाइन जनभावनाओं को देखते हुए दिया है।

पहले ही कह चुकी हूं कि प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों की नाराजगी वाजिब है और वे जिस एजेंसी से चाहें मामले की जांच कराई जा सकती है। इसीलिए तय टाइमलाइन के बाद केस को सीबीआई को सौंपने का फैसला लिया है।

हांलाकि, सीबीआई के केस के हल करने का प्रतिशत काफी कम रहा है फिर भी जनसामान्य की संतुष्टि के लिए केस की जांच तय टाइम लाइन के बाद सीबीआई को देना तय किया है। आप लोगों को याद होगा कि गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर के नोबेल पुरस्कार को चोरी होने का केस भी पश्चिम बंगाल सरकार ने सीबीआई को सौंपा था लेकिन आज तक उसमें कोई प्रगति देखने को नहीं मिली है’।

कोलकाता निर्भया कांड पर कलकत्ता हाईकोर्ट में 3 पीआईएल दायर, कल सुनवाई

कलकत्ता हाईकोर्ट में सोमवार की सुबह अदालती कामकाज शुरू होते ही गत शुक्रवार तड़के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पलात में द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा के रेप एवं मर्डर केस यानी कोलकाता निर्भया कांड लेकर याचिकाएं दायर होने को पहुंचीं।

इनमें 3 जनहित याचिकाएं भी रहीं जिन्हें हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस शिवज्ञानम एवं हिरण्यमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया है। साथ ही बताया है कि इन याचिकाओं पर खंडपीठ मंगलवार को सुनवाई शुरू करेगी।

मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली खंडपीठ करेगी मामले की सुनवाई

सोमवार को हाईकोर्ट का कामकाजी दौर शुरू होते ही वरिष्ठ वकीलों का एक समूह मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाले खंडपीठ के समक्ष पहुंचा और कोलकाता निर्भया कांड को लेकर अपनी दलीलें रखीं। वकील फिरोज एडूलजी, तापस भंज, कौस्तुभ बागची और तरुण ज्योति तिवारी ने आरजी कर अस्पताल में द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा के हुए जघन्य कृत्य एवं नृशंस हत्या की ओर खंडपीठ का ध्यान आकृष्ट किया।

चारों ही वकीलों ने इस प्रसंग में अपनी-अपनी ओर से जनहित याचिका दायर करने के साथ ही इस व्यापक जनहित वाले मसले पर यथीशीघ्र सुनवाई करने की खंडपीठ से अपील की। उस पर मुख्य न्यायाधीश दायर याचिकाओं का अवलोकन करते हुए टिप्पणी की कि इस प्रसंग में सभी याचिकाओं की सुनवाई होगी एवं सुनवाई कल से ही यानी मंगलवार से शुरू होगी।

कोलकाता निर्भया कांड के विरोध में प्रदर्शन करते जूनियर डॉक्टर
कोलकाता निर्भया कांड के विरोध में प्रदर्शन करते जूनियर डॉक्टर

सीबीआई या ऐसी एजेंसी से जांच की मांग जिस पर राज्य सरकार का प्रभाव न हो

बाद में खंडपीठ की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक, कोलकाता निर्भया कांड के नाम से इस समय देश में सुर्खियों में छाए आरजी कर मेडिकल अस्पताल कांड पर कुल 3 जनहित याचिकाएं सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली गई हैं। इनमें से एक याचिका में इस पूरी घटना का निरपेक्ष एजेंसी से जांच कराने की मांग की गई है।

याचिकार्ता का कहना है कि सीबीआई या अन्य किसी ऐसी एजेंसी को जांच की जिम्मेदारी दी जाए जिस पर राज्य सरकार का सीधे को प्रभाव न हो या राज्य सरकार की पहुंच न हो। यही नहीं, याचिकाकर्ताओं ने इस जघन्य आपराधिक कांड में लिप्त रहे लोगों को निष्पक्ष जांच के द्वारा सामने लाने एवं त्वरित निष्पादन करते हुए दोषी को दंडित करने की मांग की है।

याचिकाकर्ताओं की मांग है कि इस बारे में हाईकोर्ट जरूरी दिशानिर्देश भी जारी करे। साथ ही सभी सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगवाने की भी मांग की गई है। इसी क्रम में यह भी मांग जोड़ी गई है कि अस्पतालों के प्रत्येक तल के मेन गेट पर अनिवार्य रूप में अच्छे कंडीशन में चालू सीसीटीवी कैमरे लगवाने का भी आदेश दिया जाए।

14 दिनों के पुलिस रिमांड में आरोपी सिविक वालंटियर, चेहरे पर नहीं दिखा शिकन

आरजी कर मेडिकल कॉलेज के द्वितीय वर्ष की मेडिकल छात्रा की ड्यूटी के दौरान अस्पताल परिसर में ही चौथी मंजिल पर शुक्रवार तड़के रेप के बाद हुए मर्डर के मामले में गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय को सियालदह कोर्ट ने शनिवार को 14 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेज दिया । इस मामले में कोर्ट पेश हुए सरकारी वकील ने घटना की गंभीरता बताने के क्रम में अदालत में इस घटना के कोलकाता का निर्भया कांड बताया।

कोर्ट में आरोपी की ओर से कोई भी अधिवक्ता पेश नहीं हुआ और सभी ने इस जघन्य घटना का विरोध किया है। गिरफ्तार आरोपी के चेहरे पर घटना को लेकर पछतावे का कोई भाव नहीं है और ना ही कोई शिकन है। कोर्ट में उसने जिरह के दौरान न्यायाधीश के समक्ष उखड़े अंदाज में कहा था कि फांसी देनी हो तो दे दे।

गिरफ्तार आरोपी संजय रॉय मानसिक तौर पर विकृत बताया जा रहा है और उसे घटनास्थल के पास के सीसीटीवी कैमरे के फुटेज के आधार पर हुई कई घंटों की जांच के बाद पुलिस ने दबोचा था। संजय रॉय आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ही सिविक वालंटियर के रूप में कार्यरत है।

घटना से पहले की गुरूवार रात करीब 11 बजे वह परिसर में दाखिल हुआ था जहां मृत छात्रा ड्यूटी पर थी। मामले की जांच कर रही एसआईटी के मुताबिक, सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि दाखिल होने के बाद वह परिसर से घंटे भर में वापस बाहर को निकल गया।

जांच में पुष्ट हुआ कि बाहर निकलने के बाद उसने आदतन शराब पी और शुक्रवार तड़के करीब पौने चार बजे फिर नशे की हालत में ब्लू टूथ वाला हेड फोन लगाए हुए परिसर में दाखिल हुआ। करीब 35 मिनटों बाद सीसीटीवी वह फिर बाहर निकलता हुआ दिखा लेकिन उसके पास तब ब्लू टूथ वाला हेड फोन नहीं था जो कि बाद में घटनास्थल से बरामद हुआ था।

उसी क्रम में पहले आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई और काफी देर की हीलाहवाली के बाद साफ तौर पर उसने अपना अपराध कबूला तो शनिवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

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