Breaking : PK ने लॉन्च की अपनी सियासी पार्टी, नाम रखा ‘जन सुराज पार्टी’

Breaking : PK ने लॉन्च की अपनी सियासी पार्टी, नाम रखा 'जन सुराज पार्टी'

पटना : राजनीतिक गलियारे से एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है। चुनावी रणनीतिकार व जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने आज यानी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर अपनी नई पार्टी का ऐलान कर दिया है। उन्होंने अपनी पार्टी का नाम जन सुराज पार्टी रख दिया है। इसके साथ ही बिहार में एक नई पार्टी का उदय हो गया है। बिहार में 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में प्रशांत किशोर की पार्टी ताल ठोकेगी।

आपको बता दें कि प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीतिकार के रूप में भाजपा और कांग्रेस सहित सभी प्रमुख दलों के लिए अलग-अलग समय पर काम किया और फिर अपने गृह राज्य बिहार में जन सुराज अभियान पर ध्यान केंद्रित किया। प्रशांत किशोर ने पिछले कुछ समय पहले ही ऐलान कर दिया था कि वह दो अक्टूबर को अपनी पार्टी बनाएंगे। साथ ही कहा था कि उनकी पार्टी बिहार का विधानसभा चुनाव मजबूती के साथ लड़ेगी।

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जन सुराज पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष बने मनोज भारती

जन सुराज स्थापना अधिवेशन में पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष मधुबनी के रहने वाले मनोज भारती बने। मनोज भारती नेतरहाट से पढ़े हैं। साथ ही आईआईटी कानपुर और और आईआईटी दिल्ली से एम टेक किया है। मनोज भारती दलित समुदाय से आते हैं। मनोज भारती को मार्च तक के लिए कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया है। फिर मार्च में चुनाव कराकर नया अध्यक्ष बनाया जाएगा।

जन सुराज पार्टी के कार्यवाहक अध्यक्ष बने मनोज भारती

हमारी सत्ता आई तो एक घंटे में शराबबंदी हटा देंगे – प्रशांत

प्रशांत ने कहा कि अगर जन सुराज पार्टी सत्ता में आई तो एक घंटे में बिहार से शराबबंदी हटा दी जाएगी। शराबबंदी हटने से जो पैसा आएगा तो शिक्षा को विश्वस्तरीय करने पर खर्च किया जाएगा। हमलोगों ने बिहार के लोगों को चार लाख करोड़ जमा किए। बैंक ने लोन दिया। एक लाख करोड़ और बाकी पैसा गुजरात के विकास में लगाया गया। प्रावधान के मुताबिक, जमा पैसा में 70 फीसदी पैसा लोन देना ही होगा। हम बैंकों को मजबूर करेंगे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोन दे सके। बिहार में बुजुर्गो को 2000 पेंशन दिया जाएगा ताकि वो इज्जत से जी सके। बिहार में सर्वे नहीं भूमि सुधार लागू होना चाहिए। नीतीश कुमार की इस प्रयास की वजह से भाई-भाई भाई-बहन और पूरा परिवार को लड़ा दिया और अधिकारी करोड़ों रुपया कमा रहे हैं। बिहार की खेती को खाने से कमाने वाला खेती बनाना है।

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महीप राज की रिपोर्ट

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