मुख्यमंत्री ने हिंदी सेवी सम्मान पुरस्कार (2023-24) का किया वितरण

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग अंतर्गत राजभाषा के द्वारा आयोजित हिंदी सेवी सम्मान पुरस्कार (2023-24) वितरण समारोह का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने हिंदी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार (2023-24) के अधीन विभिन्न श्रेणियों के लिए अखिल भारतीय स्तर पर चयनित व इस समारोह में उपस्थित 12 साहित्यकारों/संस्थाओं को पुरस्कृत किया। इसके अंतर्गत अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों की शिक्षा-दीक्षा और उनके सामाजिक एवं आर्थिक विकास में विशिष्ट योगदान के लिए जियालाल आर्य को बाबा साहब अंबेडकर पुरस्कार प्रदान किया। इसके अंतर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं पांच लाख रुपए की पुरस्कार की राशि प्रदान की गई।

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सामाजिक समरसता को निरूपित करने में विशिष्ट योगदान के लिए शिव नारायण को बीपी मंडल पुरस्कार प्रदान किया गया

सृजनात्मक लेखन के माध्यम से सामाजिक समरसता को निरूपित करने में विशिष्ट योगदान के लिए डॉ. शिव नारायण को बीपी मंडल पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अंतर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं चार लाख रुपए की पुरस्कार की राशि प्रदान की गई। उपन्यास, कविता और आलोचना आदि में विशिष्ट योगदान के लिए डॉ. महेंद्र मधुकर को नागार्जुन पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अंतर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं चार लाख रुपए की पुरस्कार की राशि प्रदान की गई। आंचलिक कथा लेखन के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए हृषीकेश सुलभ को फणीश्वरनाथ रेणु पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अन्तर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं चार लाख रुपए की पुरस्कार की राशि प्रदान की गई।

हिंदी साहित्य की समृद्धि में उल्लेखनीय योगदान के लिए वंदना राग को महादेवी वर्मा पुरस्कार मिला

हिंदी साहित्य की समृद्धि में उल्लेखनीय योगदान के लिए वंदना राग को महादेवी वर्मा पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अंतर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं एक लाख रुपए की पुरस्कार की राशि प्रदान की गई। अहिंदी भाषी क्षेत्र में रहते हुए हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु विशिष्ट योगदान के लिए डॉ. के श्रीनिवास राव को बाबू गंगाशरण सिंह पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अंतर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं एक लाख रुपए की पुरस्कार की राशि प्रदान की गई। अहिंदी भाषी क्षेत्र में रहते हुए हिंदी के प्रचार-प्रसार हेतु विशिष्ट योगदान के लिए भारतीय भाषा परिषद् कोलकाता को विद्याकर कवि पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अंतर्गत संस्था के प्रतिनिधि घनश्याम सुगला को अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं एक लाख रुपए की पुरस्कार की राशि प्रदान की गई।

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स्मृति शेष कीर्तिनारायण मिश्र को विद्यापति पुरस्कार

मिथिलांचल की संस्कृति पर उत्कृष्ट कार्य करने के लिए स्मृति शेष कीर्तिनारायण मिश्र को विद्यापति पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अंतर्गत उनके पुत्र अजय मिश्र को अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं एक लाख रुपए की पुरस्कार की राशि प्रदान की गई। मगध अंचल की संस्कृति पर उत्कृष्ट पुस्तक रचना के लिए डॉ. कृष्ण कुमार सिंह को मोहन लाल महतो वियोगी पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अंतर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं एक लाख रुपए की पुरस्कार की राशि प्रदान की गई। भोजपुर अंचल की संस्कृति पर उत्कृष्ट रचना के लिए श्रीराम तिवारी को भिखारी ठाकुर पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अंतर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं एक लाख रुपए की पुरस्कार की राशि प्रदान की गई। मैथिली भाषा पर उत्कृष्ट कार्य करने के लिए डॉ. इन्द्रकांत झा को डॉ. ग्रियर्सन पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अंतर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं एक लाख रुपए की पुरस्कार की राशि प्रदान की गई। हिंदी भाषा और साहित्य में विशिष्ट योगदान के लिए डॉ. श्रीभगवान सिंह को डॉ. फादर कामिल बुल्के पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अंतर्गत उन्हें अंग वस्त्र, प्रतीक चिन्ह एवं एक लाख रुपए की पुरस्कार की राशि प्रदान की गई।

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मुख्यमंत्री ने सभी पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी

पुरस्कार प्रदान करने के पश्चात् मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी पुरस्कार विजेताओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य एवं स्वस्थ जीवन की कामना की। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री को मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित पुस्तक ‘संस्कृति के चार अध्याय भेंट की।

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हिंदी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार 15 श्रेणियों में दी जाती है

कार्यक्रम में मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने हिंदी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग (राजभाषा) अंतर्गत हिंदी भाषा एवं साहित्य के चयनित विद्ववान कवि एवं लेखकों को राज्य सरकार के द्वारा हिन्दी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इसके पहले हिंदी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह जुलाई 2023 में संपन्न हुआ था जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा पुरस्कार प्रदान किया गया था। हिंदी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार 15 श्रेणियों में दी जाती है। इन श्रेणियों में पुरस्कार पानेवाले विद्वान/संस्था का चयन मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग (राजभाषा) के अधीन गठित निर्णायक मंडल द्वारा किया जाता है। आज के कार्यक्रम में हिंदी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार वितरण समारोह (2023-24) के लिए 15 श्रेणियों में 15 साहित्यकारों/संस्था का चयन किया गया है। जिनमें उपलब्ध 12 साहित्यकारों/संस्था को हिंदी सेवी सम्मान एवं पुरस्कार प्रदान किया गया है। कतिपय कारणों से तीन साहित्यकार/संस्था यहां उपस्थित नहीं हो पाए हैं।

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सीएम के साथ उपसभापति के अलावा कई अधिकारी रहे मौजूद

इस अवसर पर बिहार विधान परिषद् के उपसभापति डॉ. रामवचन राय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव कुमार रवि, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) उपेंद्र प्रसाद, राजभाषा के निदेशक एसएम परवेज आलम सहित अन्य वरीय अधिकारी एवं पुरस्कार विजेता एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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