रांची हिंसा मामले में सीआईडी ने दाखिल की चार्जशीट, 11 नामजद के खिलाफ आरोप तय

रांची : राजधानी रांची हिंसा मामले में सीआईडी ने चार्जशीट दाखिल कर दी है.

सीआईडी ने 13 नामजद लोगों के खिलाफ आरोप तय किया है, जिसमें दो लोगों की मौत गई.

देर रात सीआईडी ने 11 नामजद आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल.

रांची में 10 जून को हुई हिंसा मामले में सभी पर साजिश के तहत बवाल मचाने, सांप्रदायिक तनाव भड़काने की

कोशिश और पुलिस अफसरों पर जानलेवा हमला करने के आरोपों की पुष्टि की गयी है.

89वें दिन सीआईडी ने दाखिल की आरोप पत्र

चार्जशीट में लिखा गया है कि अन्य के विरुद्ध जांच जारी है.

गिरफ्तारी के 89वें दिन सीआईडी ने आरोप पत्र दाखिल की है.

यदि रविवार तक चार्जशीट दाखिल नहीं होती, तो केस के आरोपियों को जमानत की संभावना बढ़ जाती.

जिनपर चार्जशीट दाखिल की गई है, उनमें मोहम्मद अमजद, इरफान जुवेर आलम उर्फ इरफान अंसारी,

मोहम्मद माज, अरमान हुसैन, सरफराज आलम, शहबाज, अफसर आलम व रमजान अली व तीन अन्य शामिल हैं.

रांची हिंसा: जुमे की नमाज के बाद हुआ था हिंसा

गौरतलब है कि 10 जून को जुमे की नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने जमकर उत्पात मचाई थी और बलाव काटा था. उपद्रवियों को शांत करने के लिए पुलिस को फायरिंग करनी पड़ी थी. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर भी पथराव किया था ओर गोलियां चलाई थी. सीआईडी द्वारा दाखिल किए गए चार्जशीट में उन दोनों मृतकों मुद्दस्सिर उर्फ कैफी व मोहम्मद साहिल के नाम भी शामिल हैं, जिनकी उपद्रव के दौरान गोली लगने से मौत हुई थी.

सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश

सभी आरोपियों पर एक साजिश के तहत सुनियोजित तरीके से बवाल मचाने, सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिश करने, शहर को सांप्रदायिकता की आग में झोंकने का प्रयास करने व उन्हें उपद्रव से रोकने पहुंचे पुलिस अफसरों पर जानलेवा हमला करने के आरोपों की पुष्टि हुई है. सीआईडी ने अपनी चार्जशीट में आगे यह भी लिखा है कि अन्य आरोपियों के खिलाफ फिलहाल जांच जारी है.

रांची हिंसा: पुलिस पर भीड़ ने किया था पथराव

गौरतलब है कि बीजेपी नेता नुपुर शर्मा द्वारा दिए गए विवादास्पद बयान का विरोध करने के लिए 10 जून को जुमे की नमाज के बाद शांतिपूर्ण प्रदर्शन और जुलूस की बात कही गई थी. पर जुमे नमाज के बाद भीड़ नारेबाजी करते हुए बेकाबू हो गई और पुलिस के भिड़ गई. इस दौरान बीच बचाव करने आई पुलिस पर भीड़ ने पथराव किया था. जिसमें कई अधिकारी घायल हो गए थे. हिंसा के बाद रांची में 36 घंटे के लिए इंटरनेट बैन कर दिया गया था. इसके बाद जांच का जिम्मा सीआईडी को सौंपा गया था.

रिपोर्ट: मुर्शीद आलम

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