CID takes over Surya Hansda Encounter Case : अब सीआईडी के हाथों में, डीएसपी करेंगे अनुसंधान

गोड्डा : CID takes over Surya Hansda Encounter Case –  गोड्डा जिले के बोहारीजो इलाके में 11 अगस्त को हुए सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले ने झारखंड की राजनीति और समाज में हलचल मचा दी है। अब इस मामले की जांच क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) ने टेकओवर कर ली है। जांच की जिम्मेदारी डीएसपी स्तर के अधिकारी को सौंपी गई है, जबकि पूरे केस की सुपरविजन डीआईजी करेंगे।

CID takes over Surya Hansda Encounter Case : घटना और पुलिस का दावा

11 अगस्त को गोड्डा पुलिस ने मुठभेड़ की जानकारी देते हुए दावा किया था कि सूर्या हांसदा उर्फ सूरहता एक आपराधिक गिरोह से जुड़ा हुआ था और मुठभेड़ में मारा गया। पुलिस का कहना था कि कार्रवाई पूरी तरह कानून के तहत की गई। लेकिन घटना के बाद से ही स्थानीय लोग, परिजन और कई संगठन पुलिस की इस कहानी पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

CID takes over Surya Hansda Encounter Case :  परिजनों और संगठनों का आरोप

परिजनों का आरोप है कि सूर्या हांसदा की फर्जी मुठभेड़ में हत्या की गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने एनकाउंटर के नाम पर सुनियोजित तरीके से जान ली है। इस घटना के खिलाफ आदिवासी संगठनों ने लगातार विरोध दर्ज कराया। कई जगह बैठकों का आयोजन हुआ, कैंडल मार्च निकाला गया और न्याय की मांग की गई। संगठनों का कहना है कि आदिवासी युवाओं को योजनाबद्ध तरीके से टारगेट किया जा रहा है।

CID takes over Surya Hansda Encounter Case : राजनीतिक घमासान

एनकाउंटर की गूंज राजनीति में भी सुनाई दे रही है। बीजेपी ने इस घटना पर राज्य सरकार को घेरा है और सीधे तौर पर पुलिस की कार्रवाई को “फर्जी एनकाउंटर” बताया है। पार्टी नेताओं ने सीबीआई जांच की मांग की है। वहीं विपक्षी दल और आदिवासी संगठन भी इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं। इसी के चलते राज्य सरकार ने सीआईडी जांच की अनुशंसा की और अब विभाग ने औपचारिक रूप से केस अपने हाथ में ले लिया है।

CID takes over Surya Hansda Encounter Case : सीआईडी की जांच की दिशा

सीआईडी ने केस टेकओवर करने के बाद अनुसंधान शुरू कर दिया है। जांच टीम घटना स्थल का निरीक्षण करेगी, एनकाउंटर में शामिल अधिकारियों के बयान दर्ज करेगी और तकनीकी सबूतों को खंगालेगी। इसके साथ ही परिजनों और स्थानीय लोगों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे।

इस जांच से यह साफ होगा कि क्या सूर्या हांसदा की मौत वास्तविक मुठभेड़ में हुई या यह वाकई फर्जी एनकाउंटर का मामला है। अगर सीआईडी को जांच के दौरान गड़बड़ी और संदेहास्पद तथ्य मिलते हैं तो केस सीबीआई तक भी जा सकता है। लेकिन यदि पुलिस के दावों की पुष्टि हो जाती है तो इस विवाद पर विराम लग सकता है।

इस घटना ने गोड्डा ही नहीं बल्कि पूरे झारखंड के आदिवासी समुदाय में गहरा असर छोड़ा है। विरोध प्रदर्शन और आक्रोश ने इसे एक बड़े सामाजिक-राजनीतिक मुद्दे में बदल दिया है। अब सबकी निगाहें सीआईडी की जांच रिपोर्ट पर टिकी हैं, जिससे यह तय होगा कि सच में क्या हुआ था।

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