गया : बिहार के बोधगया में बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा की दूसरे दिन की टीचिंग हुई। टीचिंग को विश्व भर के पांच दर्जन
से अधिक देशों के 60 हजार से अधिक बौद्ध श्रद्धालुओं ने सुना। इस दौरान बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने कहा कि आज
दुनिया में देखें तो पहले विश्व युद्ध, दूसरे विश्व युद्ध के बाद अब तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी है। हमने परमाणु बम बना लिए
हैं, औजार बना लिए हैं। पृथ्वी पर जितनी समस्याएं उत्पन्न हो रही है, उसके लिए मनुष्य जिम्मेदार है। 14 वें बौद्ध धर्म गुरू
दलाई लामा ने यह भी कहा कि पशु पक्षी भी समस्या पैदा नहीं करते, लेकिन पृथ्वी पर मनुष्यों के द्वारा
समस्याये पैदा की जा रही है।
बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने टीचिंग में दुनिया को व्याप्त हो रही समस्याओं पर सचेत किया। उन्होंने कहा कि इस दुनिया
में अगर पहला विश्व युद्ध, दूसरा विश्व युद्ध हुआ है, तो तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी अब दुनिया में है। ऐसा प्रतीत हो रहा है।
हमने औजार बना लिए हैं, हथियार बना लिए, परमाणु बम बना रखे हैं। इसके लिए मनुष्य जिम्मेदार है।
यह विश्व के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
बौद्ध धर्म गुरु दलाई लामा ने प्रवचन के दौरान कहा कि हमें एक होना चाहिए, ताकि विश्व में शांति लाई जा सके। दुनिया को
एक सोच बनानी होगी, जिससे शांति की स्थापना हो। दूसरों को दुश्मन मानने की सोच को बदलना होगा। पर, मैं और वो
जैसी भावना ही झगड़े की मूल जड़ में है, इसे दूर करना होगा। जीत-हार के चक्कर में युद्ध की ओर न जाएं। सभी लोग
मित्रता व्यवहार करें, तो विश्व शांति होगी। बुद्धम शरणम गच्छामि का अर्थ है, अच्छाइयां है उसे प्राप्त करें और बुराइयों को
दूर करें। हमें बुराइयों को हटाने की जरूरत है।
गुरु दलाई लामा ने कहा कि विश्व शांति की बात दुनिया में सभी चाहते हैं, किंतु शांति का अभ्यास नहीं करते जो करनी
चाहिए। दुनिया के सात-आठ अरब लोग शांति चाहते हैं और उसके लिए हमें सोच बनानी होगी, जिससे विश्व में शांति की
स्थापना हो। शांति के लिए बोधचित और अच्छाई की जरूरत है, जिसका अभ्यास हर किसी को करना चाहिए। हथियार से
हटकर से मित्रता की भावना करनी चाहिए और एक सोच बनानी होगी, जिससे विश्व में शांति की स्थापना हो। जीवधारी
सोच बनाकर बुद्धत्व को प्राप्त करें। मनुष्य के अंदर करुणा प्रेम की भावना रखने वाले लोग बोधिचित को प्राप्त करें।
आशीष कुमार की रिपोर्ट