रांची: Suicide – दिल्ली मे मिला सिमडेगा की नाबालिग आदिवासी का शव – फिर से झारखंड की एक नाबालिग आदिवासी किशोरी की दिल्ली में आत्महत्या की घटना सामने आई है। यह किशोरी कुरडेग प्रखंड के कुरडेग पंचायत के भिजरीबारी गांव में रहती थी और उसे कुछ महीने पहले गांव के रणजीत और अजय लकड़ा ने दिल्ली ले जाकर घरेलू काम में रख दिया था।
उसके परिवार को इसकी जानकारी नहीं थी। 31 मई को राजौरी गार्डन में एक नाबालिग का पंखे से लटका हुआ शव मिला। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले की जांच की और सिमडेगा पुलिस को सूचित किया, जिसके बाद परिवार को आत्महत्या की जानकारी दी गई।
दिल्ली मे मिला सिमडेगा की नाबालिग आदिवासी का शव
इस खबर के आने के बाद पिता दिल्ली पहुंचे और बेटी का पोस्टमार्टम पंडित दीनदयाल अस्पताल में 6 जून को करवाया गया। पुलिस ने जांच प्रारंभ की, लेकिन अभी तक कोई प्राथमिक रिपोर्ट जारी नहीं की गई है। पीड़ित परिवार ने अपनी सहायता के लिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल की मदद से पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज़ करवाई गई है।
मृतका का पोस्टमार्टम भी एंटी बर्न ह्यूमन ट्रैफिकिंग सेल के नोडल अधिकारी के देखरेख में किया गया है। उसके पिता ने बेटी की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग है।
दिल्ली मे मिला सिमडेगा की नाबालिग आदिवासी का शव
इस मामले मे मीडिया ने जब दिल्ली पुलिस से संपर्क किया और जानकारी मांगी तो पुलिस ने किसी भी प्रकार की जानकारी की अस्वीकार किया। इसके बाद किशोरी की मौत की खबर मिलते ही उसके पिता और उसकी आंगनबाड़ी सहायिका बेटी के शव को ले आए, लेकिन गरीबी के कारण उनके पास गांव ले जाने के लिए पैसे नहीं थे।
इसलिए शव को दिल्ली में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया। परिजनों का आरोप है कि पोस्टमार्टम के समय भी उन्हें शव के पास जाने नहीं दिया गया, सिर्फ चेहरा ही दिखाया गया। उक्त लड़की को अजय लकड़ा ने 2013 में इसको लालच देकर दिल्ली ले जाया था और वहां उसे रोज़ प्रताड़ित किया जाता था।