डिजिटल डेस्क: परिसीमन पर RSS की दो टूक – इसे लेकर कोई नया एक्ट आया क्या…?। परिसीमन (Delimitation) को लेकर देश में गरमाए सियासी माहौल के बीच शनिवार को बंगलुरू में RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने इसी परिसीमन के मसले पर अपनी दो टूक राय रख दी।
Highlights
साथ ही संकेत दे दिया कि इस समय के सियासी गहमागहमी के बीच RSS का स्टैंड क्या है और पूरे मसले पर RSS का रुख एवं तेवर कैसे हैं, क्या होंगे और क्या रह सकते हैं।
परिसीमन (Delimitation) को लेकर सियासी दलों के बीच जारी जुबानी बहसबाजी को भी RSS ने अपने बयान में आईना दिखाया है।
RSS ने दो टूक अंदाज में इस संबंध में तमाम दावे-प्रतिदावे करने वाले राजनीतिक दलों और उनके ओहदेदारों का नाम लिए बिना ही सवाल पूछ डाला है कि – ‘परिसीमन के लिए एक्ट का आना जरूरी है…इसे लेकर कोई नया एक्ट आया क्या…?’
‘इसे मुद्दा बनाने वाले आत्मावलोकन करें…’
परिसीमन (Delimitation) के मुद्दे पर सियासत को गर्म करने वाले दलों और उनके ओहदेदारों के बीच जारी बहसबाजी पर भी RSS ने तीखी प्रतिक्रिया दी है लेकिन अपने ही अंदाज में।
RSS ने किसी दल विशेष का परिसीमन के मुद्दे की चर्चा करते हुए नाम नहीं लिया है लेकिन सभी को जमीनी हकीकत को जानने के बाद जनता के बीच मसले को अपनी-अपनी विचारधारा के अनुरूप आंकते हुए हवा देने संबंधी नसीहत भी दे डाली है।
RSS ने उन्हें इस मुद्दे पर सीधे तौर पर आत्मावलोकन-आत्मनिरीक्षण करने को कहा है। बंगुलुरू में शनिवार को RSS के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की एवं तमाम ज्वलंत मुद्दों पर RSS की ओर से स्पष्ट मंतव्य प्रस्तुत किया।
RSS के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने कहा कि –‘…जो लोग परिसीमन को मुद्दा बना रहे हैं, उनको इंट्रोइंस्पेक्शन करना चाहिए कि क्या जो वो कर रहे हैं वो सही है…?’

RSS: परिसीमन पर अनावश्यक आशंका ना करें…
इसी क्रम में RSS ने अपना पूरा मंतव्य सार्वजनिक करते हुए पूरे मसले को तूल देने वालों की अपने ही अंदाज में हवा निकाल दी। बंगुलुरू में शनिवार को RSS के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने सियासी लिहाज से इस संवेदनशील एवं ज्वलंत हो रहे मसले पर शांत लहजे में और सधा हुआ बयान दिया।
RSS के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने अपने बयान में कहा कि – ‘…परिसीमन को लेकर अनावश्यक आशंका जाहिर की जा रही है। समाज में सबको लेकर चलने की बात करनी चाहिए। अविश्वास खड़ा करने से बचना चाहिए…।
परिसीमन (Delimitation) के लिए पहले एक्ट आता है। पहले परिसीमन एक्ट 1979 में बना। उसके बाद परिसीमन एक्ट 2002 में आया। उसके बाद परिसीमन को फ्रीज कर दिया गया। …तो सवाल ये कि अभी कोई नया एक्ट आया क्या …?
…अभी जो लोग इस मुद्दे को उठा रहे हैं, …उनसे पूछिए कि परिसीमन से पहले जनसंख्या गणना होती है? उसके बाद परिसीमन एक्ट आता है…है कि नहीं? …ऐसा कुछ हुआ भी नहीं है। फिर वो इस मुद्दे को लेकर क्यों आगे बढ़ रहे हैं?’

परिसीमन पर बोले तमिलनाडु के सीएम स्टालिन…
परिसीमन (Delimitation) पर RSS के शनिवार के आए बयान का काफी सियासी महत्व है। परिसीमन (Delimitation) को लेकर सभी सियासी दलों की नजरें RSS पर ही टिकी थीं।
शनिवार को RSS की ओर से इस मुद्दे पर बयान आते ही तमिलनाडु के CM ने भी सधे अंदाज में आधिकारिक टिप्पणी जारी की है।

सियासी तौर पर देखें तो परिसीमन (Delimitation) पर RSS का बयान ऐसे समय पर आया है, जब चेन्नई में तमिलनाडु के CM एमके स्टालिन के नेतृत्व में इसको लेकर बैठक चल रही है।
परिसीमन (Delimitation) को लेकर CM एमके स्टालिन ने कहा कि – ‘…वर्तमान जनसंख्या के हिसाब से निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन नहीं होना चाहिए। …हम परिसीमन के खिलाफ नहीं हैं।
…हम निष्पक्ष परिसीमन के पक्ष में हैं। …अधिकार बने रहें, इसके लिए निरंतर कार्रवाई बहुत जरूरी है’।