बेरमोः दुगदा कोल वाशरी, एफ प्लांट में काम करने वाले 37 वर्षीय राजू राजभर की कार्यस्थल पर रात में मौत हो गई। राजू राजभर गुरुवार की रात 11 बजे ड्यूटी के लिए वासरी गया था। ड्यटी के दौरान राजू राजभर को पेट में दर्द होने लगा। लेकिन एंबुलेंस के अभाव में समय पर इलाज नहीं किया जा सका। मृतक का मुंह-नाक से झाग निकल रहा था।
समझौता वार्ता के पश्चात 12 घंटे बाद शव को उठाया गया
राजू राजभर की मौत की खबर मिलते ही मजदूर यूनियन मृतक के आश्रित को फेटेल एक्सीडेंट के तहत प्रोविजनल नियोजन, अनुग्रह राशि एवं वर्क मैन कंपनसेशन नियम के तहत दिये जाने वाले विभिन्न मांगों को लेकर वाशरी परिसर में ही धरने पर बैठे गए और लाश को उठाने नहीं दिया।
वाशरी प्रबंधन एवं यूनियन प्रतिनिधियों के बीच समझौता वार्ता के पश्चात्य 12 घंटे बाद शव को उठाया जा सका। महाप्रबंधक हरेंद्र मिश्रा ने यूनियन प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि मृतक के आश्रित पुत्र धर्मेंद्र राजभर को तत्काल प्रोविजनल नियोजन के तहत नियोजन पत्र दिया जा रहा है। फेटेल एक्सीडेंट के तहत 15 लाख अनुग्रह राशि के अलावे वर्क मैन कंपनसेशन के नियमानुसार अन्य राशि का भुगतान किया जायेगा। तत्काल दाह-संस्कार हेतु पचास हजार रुपए परिजन को भुगतान कर दिया गया है।
दुगदा पुलिस ने शव का पंचनामा करवा कर पोस्टमार्टम हेतु अनुमंडलीय अस्पताल चास भेज दिया है।
समझौता वार्ता में वाशरी डिवीजन के महाप्रबंधक हरेंद्र मिश्रा, पीओ एन.सी सामंतों, कार्मिक प्रबंधक शशांक कुमार के अलावे जनता मजदूर संघ के गुलाबचंद चौहान, रजनीकांत मिश्र, इंटक के अजय कुमार सिंह, एटक के आसनी मांझी, बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के धनेश्वर सोरेन, सीटू के जिला सहायक सचिव दौलत महतो, दुगदा थाना प्रभारी राजेश रंजन आदि शामिल थें।
महाप्रबंधक से अविलंब एंबुलेंस की व्यवस्था करवाने की उठी मांग
जनता मजदूर संघ के दुगदा शाखा सचिव गुलाब चंद चौहान ने कहा कि समय पर इलाज नहीं होने के कारण वाशरी कर्मी राजू राजभर की कार्यस्थल पर ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि दुगदा कोल वाशरी अस्पताल में कई महीनों से एंबुलेंस नहीं है। अगर समय पर एंबुलेंस उपलब्ध हो जाता तो राजू की जान बचायी जा सकती थी। सचिव गुलाब चंद चौहान ने वाशरी डिवीजन के महाप्रबंधक से अविलंब एंबुलेंस व्यवस्था करवाने की मांग की है। ताकि इस तरह की घटना पुनरावृति न हो।