जीपीएस और माइक लगी मोटरसाइकिलों का भी किया जाएगा इस्तेमाल
पटना : जल्द ही बिहार के ग्रामीण इलाकों में भी लोगों को डायल 112 की आपातकालीन सेवा मिलने लगेगी. राज्य सरकार सभी ज़िलों के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इसका विस्तार करने जा रही है. खास बात ये है कि अब जीपीएस और माइक लगी मोटरसाइकिलों का भी इस्तेमाल किया जाएगा ताकि तंग गलियों में भी पहुंचकर लोगों को मदद मुहैया कराई जा सके.
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आपातकालीन: बिहार के कई जिलों में काम कर रही है डायल 112
डायल 112 सर्विस बिहार के कई जिलों में काम कर रही है और जल्द ही इसके दूसरे चरण का विस्तार सभी ज़िला मुख्यालय स्तर पर होगा. इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी इसका लाभ उठा पाएंगे.
एडीजी जीएस गंगवार के मुताबिक इसके लिए पुलिसकर्मियों और गाड़ियों की संख्या भी बढ़ाई जाएगी. इसके साथ ही लोगों को मदद पहुंचाने के लिए अब मोटरसाइकिलों का भी इस्तेमाल किया जाएगा जो जीपीएस और दूसरी आधुनिक तकनीकों से लैस होगी.

एडीजी जीएस गंगवार ने हाल ही की एक घटना का किया जिक्र
इमरजेंसी की स्थिति में इसके जरिए तंग गलियों में भी जरूरतमंद लोगों तक मदद पहुंचाई जा सकेगी. इसकी जानकारी देते हुए एडीजी जीएस गंगवार ने हाल ही की एक घटना का जिक्र किया जिसमें एक जरूरतमंद बच्ची को न सिर्फ वक्त पर मदद पहुंचाई गई बल्कि दो घंटों के भीतर उसे परिवारवालों से भी मिला दिया गया.
एडीजी जीएस गंगवार ने कहा कि डायल 112 सर्विस और इससे लोगों को होने वाले फायदे का अध्ययन किया जा रहा है और जल्द ही इसकी विस्तृत जानकारी मुहैया कराई जाएगी.

आपातकालीन: डायल 112 में महिला पुलिसकर्मियों की बड़ी भूमिका
डायल 112 को बिहार 112 भी कहा जाता है. इसमें सबसे बड़ी संख्या में महिलाओं की सहभागिता है. तीन पारियों में 90 महिला पुलिसकर्मी आने वाले फोन कॉल्स को रिसीव करती हैं. यहां न सिर्फ लोगों की समस्याएं सुनी जाती है बल्कि कार्रवाई के बाद संबंधित लोगों से फीडबैक भी लिया जाता है.
इमरजेंसी सपोर्ट सिस्टम के कमांड सेंटर पर ये फीडबैक लिया जाता है पुलिस क्या कार्रवाई कर रही है और पुलिस कितनी तत्परता से घटनास्थल पर पहुंची. इसका ऑडियो- वीडियो रिकॉर्ड भी दर्ज किया जाता है ताकि कोई गड़बड़ी न कर सके. इसके साथ ही सेवा को और बेहतर बनाया जा सके. हर आने वाली शिकायत की कॉल पर 3 मिनट में रिस्पांस कर देना होता है.
रिपोर्ट: चंदन