रांची: धुर्वा स्थित ऐतिहासिक जगन्नाथपुर मंदिर में भगवान जगन्नाथ, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की भव्य रथयात्रा 27 जून को निकलेगी। इसके पूर्व गुरुवार को संध्या चार बजे से नेत्रदान महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। प्रथम सेवक ठाकुर सुधांशु नाथ शाहदेव ने बताया कि 15 दिन के एकांतवास के बाद भगवान अब दर्शन मंडप में भक्तों को दर्शन देंगे।
पुजारी रामेश्वर पाढ़ी, कौस्तुभ मिश्रा, सरयू मिश्रा और श्रीराम महंती के नेतृत्व में धार्मिक अनुष्ठान सम्पन्न होंगे। भगवान को नए वस्त्र धारण कराए जाएंगे, नेत्र श्रृंगार के साथ शंख और पद्म धारण करेंगे। 108 दीपों की आरती के बाद भगवान को मालपुआ, इलायची, बादाम, आम, कटहल और अनानस का भोग अर्पित किया जाएगा। हजारों श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरण होगा।
शुक्रवार सुबह 5 बजे से पूजन शुरू होगा और दोपहर 2 बजे तक दर्शन का अवसर मिलेगा। इसके बाद भगवान रथ के लिए प्रस्थान करेंगे। इसी दौरान विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ रामेश्वर पाढ़ी के नेतृत्व में होगा। शाम 5 बजे से रथयात्रा मौसीबाड़ी के लिए प्रस्थान करेगी। गुरुवार की शाम से मेले की औपचारिक शुरुआत भी हो जाएगी।
भव्य सजावट और विशाल मेला आकर्षण का केंद्र:
भगवान के रथ को बुधवार को भव्य तरीके से सजाया गया। नए कारपेट बिछाए गए हैं, और बंगाल से मंगाए गए बेली, गुलाब और गुलदाउदी के फूलों से मंदिर व रथ की सजावट की गई है। मंदिर परिसर में आकर्षक लाइटिंग की गई है।
41.2 एकड़ में फैले मेले में 3000 से अधिक दुकानें सज चुकी हैं। मौत का कुआं, राम झूला, ड्रैगन नाव, ब्रेक डांस, मून एंड स्टार जैसे झूले लोगों को आकर्षित करेंगे। बच्चों के लिए मिक्की माउस, डोरेमोन जैसे झूले भी लगाए गए हैं।
सुरक्षा और व्यवस्था:
मंदिर समिति और जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं। समिति की ओर से 100 गार्ड तैनात होंगे, वहीं विश्व हिंदू परिषद, आरएसएस, सरना समिति और मंदिर सेवा दल के वॉलेंटियर भी सेवा में लगे रहेंगे। मेले में ड्रॉप गेट और स्लाइडिंग बैरियर की व्यवस्था की गई है।