हजारीबाग: पत्नी की हत्या के आरोप में जेल में बंद हजारीबाग के पूर्व एसडीओ अशोक कुमार को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने उन्हें सशर्त जमानत दी, जिसके बाद शुक्रवार को वह 78 दिनों बाद जेल से बाहर आ गए। जेल से रिहाई के वक्त अशोक कुमार मीडिया से बचते नजर आए और बिना कोई बयान दिए काले शीशे वाली गाड़ी से जेपी कारा से निकल गए।
गौरतलब है कि 26 दिसंबर को झील रोड स्थित सरकारी आवास में उनकी पत्नी अनीता देवी संदिग्ध परिस्थितियों में आग से झुलस गई थीं। इलाज के दौरान रांची के निजी अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद अनीता देवी के भाई राजू कुमार गुप्ता ने लोथिंगा थाने में अशोक कुमार के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि बहन की हत्या अवैध संबंधों और घरेलू प्रताड़ना के कारण हुई है।
मामला हाई प्रोफाइल बन गया था। बीजेपी के चार से पांच विधायकों समेत कई सामाजिक संगठनों ने हजारीबाग में विरोध मार्च निकाला और एसडीओ की गिरफ्तारी की मांग की थी। पुलिस ने अशोक कुमार को रांची से गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
हालांकि, केस में बड़ा मोड़ तब आया जब मृतका के भाई राजू कुमार गुप्ता ने अदालत में दिया गया अपना बयान वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि अपने स्तर पर जांच के बाद उन्हें लगा कि अशोक कुमार निर्दोष हैं और बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए उन्होंने केस वापस लिया। इसके बाद हाईकोर्ट ने अशोक कुमार को जमानत दे दी।
मामले में अभी भी कई सवाल खड़े हैं, खासकर इस बात को लेकर कि जिस केस में पहले गंभीर आरोप लगाए गए थे, उसी केस को मृतका के भाई ने अचानक वापस क्यों ले लिया। हजारीबाग के लोगों के बीच यह चर्चा का विषय बना हुआ है। अब देखना होगा कि क्या अशोक कुमार को सेवा में बहाल किया जाएगा या नहीं।