हजारीबाग: झारखंड के हजारीबाग जिले से एक बार फिर मानवता को झकझोर देने वाली घटना सामने आई है। 21वीं सदी में भी अंधविश्वास और डायन-बिसाही जैसे अंधकारपूर्ण कृत्य समाज में जड़ें जमाए हुए हैं। बरही थाना अंतर्गत जबरिया गांव में एक विधवा महिला के साथ अमानवीयता की सभी सीमाएं पार कर दी गईं।
घटना शुक्रवार रात की है, जब गांव के ही सात लोगों, जो पीड़िता के रिश्तेदार बताए जा रहे हैं, ने महिला पर डायन होने का आरोप लगाकर उसके घर में घुसकर उसे निर्वस्त्र किया और बुरी तरह पीटा। इस दौरान आरोपियों ने महिला के शरीर के कई हिस्सों को ब्लेड से काट डाला, जिससे खून बहता रहा। बर्बरता का यह दौर रात 10 बजे से लेकर अगली सुबह 3 बजे तक चलता रहा।
इतना ही नहीं, अगले दिन शनिवार को आरोपियों ने पीड़िता को जबरन गयाजी स्थित प्रेतशिला ले जाकर उसका सिर मुंडवा दिया। वहां भी उसे मारा गया और उसके कटे हुए बालों को झाड़ियों में फेंक दिया गया। महिला से जबरन ₹20,000 वसूले गए और इसके बाद ₹80,000 की और मांग की गई। महिला के बेटे ने डर के मारे ₹10,000 ऑनलाइन ट्रांसफर कर दिए।
शनिवार रात लगभग 10 बजे महिला को बरही बाजार में छोड़ दिया गया, जिसके बाद वह किसी तरह घर पहुंची। रविवार को महिला अपने बेटे के साथ बरही थाने पहुंची और पूरी घटना की शिकायत दर्ज कराई।
बरही अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजीत कुमार विमल ने बताया कि मामला गंभीर है और इसकी गहन जांच की जा रही है। उन्होंने आश्वासन दिया कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में एक आरोपी शंभू यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है और अन्य की तलाश जारी है।
यह घटना न केवल कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि समाज में अब भी अंधविश्वास और कुप्रथाएं कितनी गहराई से फैली हुई हैं।