BACE के स्थापना समारोह का सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ने किया उद्घाटन

BACE के स्थापना समारोह का सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ने किया उद्घाटन

पटना : बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी ने भारत एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल एम्ब्रियोलॉजिस्ट (BACE) के स्थापना समारोह का दीप प्रज्ज्वलन कर उद्घाटन किया। इस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में विधायक बीरेंद्र कुमार और रुबन मेमोरियल अस्पताल पटना के निदेशक डॉ. सत्यजीत सिंह उपस्थित थे।

इस अवसर पर भारत एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल एम्ब्रियोलॉजिस्ट के नव नियुक्त पदाधिकारियों के नामों की घोषणा भी की गई जिनमें अध्यक्ष के रूप में डॉ. दयानिधि कुमार, उपाध्यक्ष डॉ. राज कुमार साहू, सचिव डॉ. स्वप्निल सिंह, संयुक्त सचिव प्रदीप कुमार, कोषाध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार जबकि कार्यकारी सदस्य के रूप में तौसीफ रजा, मनीष कुमार, काशिफ ज़ेया, शत्रुधन का चयन किया गया। डॉ. पंकज तलवार और डॉ. हिमांशु रॉय को भारत एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल एम्ब्रियोलॉजिस्ट का राष्ट्रीय सलाहकार बनाया गया है।

भारत एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल एम्ब्रियोलॉजिस्ट को भारत सरकार के तहत पंजीकृत किया गया है, जो इस एसोसिएशन की वैधता और औपचारिक मान्यता को रेखांकित करता है। यह पंजीकरण बीएसीई की पेशेवरता और शासन के उच्चतम मानकों का पालन करने की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। यह सुनिश्चित करते हुए कि यह कानूनी ढांचे के भीतर संचालित हो और प्रजनन स्वास्थ्य और रोगियों की देखभाल के क्षेत्र में सार्थक योगदान दे। समारोह को संबोधित करते हुए सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री महेश्वर हजारी ने प्रजनन स्वास्थ्य में उन्नति के संदर्भ में भारत एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल एम्ब्रियोलॉजिस्ट की वैज्ञानिक नवाचार में अग्रणी भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने बिहार और इसके बाहर निस्संतान दंपत्तियों के वैज्ञानिक उपचार को सुधारने और उसमें निरंतर सुधार के प्रतिबद्धता के लिए एसोसिएशन की प्रशंसा की।

हजारी ने कहा कि भारत एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल एम्ब्रियोलॉजिस्ट, प्रजनन विज्ञान और एम्ब्रायोलॉजी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह प्रजनन चिकित्सा में वैज्ञानिक उत्कृष्टता और नवाचार की यात्रा में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। यह कार्यक्रम एम्ब्रायोलॉजिस्ट को सशक्त बनाने और रोगियों की देखभाल के प्रति समर्पित एक एकीकृत समाज की महत्वपूर्ण कड़ी है। विधायक बीरेंद्र कुमार ने प्रजनन चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोगात्मक प्रयासों की महत्वपूर्णता को रेखांकित किया। उन्होने बीएसीई के लक्ष्यों को प्राप्त करने में सामुदायिक समर्थन और सरकारी सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया।

रूबन मेमोरियल अस्पताल पटना के निदेशक डॉ. सत्यजीत सिंह ने समारोह को संबोधित करते हुए प्रजनन स्वास्थ्य में नवीनतम विकास, वैज्ञानिक विकास और नवाचार को बढ़ावा देने में भारत एसोसिएशन ऑफ़ क्लिनिकल एम्ब्रियोलॉजिस्ट जैसी संस्थाओं के महत्व पर प्रकाश डाला| बीएसीई के राष्ट्रीय सलाहकार, डॉ. पंकज तलवार और डॉ. हिमांशु रॉय ने एम्ब्रायोलॉजी में समुचित शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में कार्य किए जाने पर विशेष बल दिया| उन्होने अधिक से अधिक एम्ब्रियोलॉजिस्ट को भारत एसोसिएशन ऑफ़ क्लिनिकल एम्ब्रियोलॉजिस्ट का सदस्य बनने के लिए प्रेरित किया।

भारत एसोसिएशन ऑफ क्लिनिकल एम्ब्रियोलॉजिस्ट के अध्यक्ष डॉ. दयानिधि कुमार ने समारोह में शामिल लोगों के प्रति आभार प्रकट किया| उन्होने बीएसीई सदस्य के सशक्तिकरण और ‘भारत’ नाम की भावना को प्रतिबिंबित करते हुए एसोसिएशन की समावेशिता की प्रतिबद्धता पर ध्यान केंद्रित किया। स्थापना समारोह में बीएसीई का ‘लोगो’ पेश करते हुए कहा कि यह भ्रूण विकास के सात चरणों को खूबसूरती से दर्शाता है और एआरटी क्षेत्र में एम्ब्रायोलॉजिस्ट और मां की भूमिका को उजागर करता है। बीएसीई का उदेश्य एम्ब्रायोलॉजिस्ट के लिए एक मजबूत समर्थन प्रणाली विकसित करने के साथ यह सुनिश्चित करना कि उनके पास रोगियों को सर्वोत्तम देखभाल करने के लिए नवीनतम ज्ञान और उपकरण उपलब्ध हो। बीएसीई, सहयोग और निरंतर सीखने के समुदाय को बढ़ावा देकर, हम प्रजनन चिकित्सा के मानकों को ऊंचा करने और रोगी देखभाल पर गहरा प्रभाव डालने का लक्ष्य रखते हैं।

समारोह के अंत में बीएसीई के सचिव डॉ. स्वप्निल सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए सभी अतिथियों, प्रतिभागियों और आयोजकों के समर्थन और योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। समारोह में ‘कंसेप्शन टू क्रिएशन’ शीर्षक वाली एक सतत चिकित्सा शिक्षा सत्र भी शामिल था, जिसमें मुंबई की डॉ. रजवी मेहता और सिंगापुर की अंतर्राष्ट्रीय वक्ता रिकेल चिन द्वारा प्रस्तुतियां दी गईं। स्थापना समारोह ने बिहार और झारखंड के 150 से अधिक एम्ब्रायोलॉजिस्ट और आईवीएफ विशेषज्ञों के लिए समृद्ध चर्चाओं और ज्ञान साझा करने का एक मंच प्रदान किया। कार्यक्रम का समन्वयन डॉ. प्रगति भारती, स्मिता कुमारी, और बसुधा बाला द्वारा किया गया।

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