कटिहार/किशनगंज : कटिहार में आयकर विभाग (IT) ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया। जिले के चर्चित मक्का व्यवसाई राकेश कुमार चौधरी के सेमापुर स्थित आवास और कई गोदामों पर इनकम टैक्स की टीम ने छापेमारी की। जानकारी के मुताबिक, यह कार्रवाई केवल कटिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि कुर्सेला, पूर्णिया के गुलाबबाग मंडी और यहां तक कि अन्य राज्यों के ठिकानों पर भी टीम ताबड़तोड़ रेड कर रही है।
दिल्ली में भी कारोबारी के परिजनों का मकई का बड़ा बिजनेस है
बताया जा रहा है कि दिल्ली में भी कारोबारी के परिजनों का मकई का बड़ा बिजनेस है, जिस पर इनकम टैक्स की पैनी नजर बनी हुई है। सुबह से शुरू हुई इस रेड के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मचा हुआ है। सेमापुर थाना क्षेत्र में स्थित राकेश चौधरी का आवास और गोदाम सुरक्षा घेरे में ले लिया गया है। आयकर विभाग की टीम से जुड़े अधिकारी छापेमारी से जुड़े किसी भी सवाल पर फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं स्थानीय लोग अलग-अलग तरह की चर्चाओं में मशगूल हैं। किसी का कहना है कि कारोबार में बड़े पैमाने पर कैश ट्रांजैक्शन होता है तो कोई इसे चुनावी साल से जोड़कर देख रहा है।
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गुलाबबाग को एशिया की सबसे बड़ी मक्का मंडियों में गिना जाता है
मालूम हो कि गुलाबबाग को एशिया की सबसे बड़ी मक्का मंडियों में गिना जाता है और यहां से देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक मक्का की सप्लाई होती है। ऐसे में आयकर विभाग की यह कार्रवाई सिर्फ कटिहार ही नहीं, पूरे इलाके के व्यापारिक हलके में हलचल मचा रही है। फिलहाल सेमापुर स्थित आवास और गोदाम में जांच पड़ताल जारी है और संभावना जताई जा रही है कि छापेमारी देर रात तक चल सकती है। बड़ी बात यह है कि रेड की सूचना फैलते ही कारोबारी जगत में खलबली मच गई है और अब सबकी नजरें इनकम टैक्स विभाग की आगे की कार्रवाई पर टिकी है।
किशनगंज में बड़े उद्योगपति के ठिकानों पर IT का छापा, भारी पुलिस बल की तैनाती
बिहार के किशनगंज शहर में शुक्रवार को आयकर विभाग (IT) ने एक बड़े उद्योगपति और प्रतिष्ठित कारोबारी के कई ठिकानों पर एक साथ छापेमारी शुरू की, जिससे शहर में हड़कंप मच गया। यह कार्रवाई नेमचंद रोड भगत टोली धर्मशाला रोड और पश्चिमपाली जैसे प्रमुख कारोबारी और रिहायशी इलाकों में की जा रही है। सूत्रों के अनुसार, यह छापेमारी आर्थिक अनियमितताओं और कथित काले धन से जुड़े मामलों की जांच के सिलसिले में हो रही है।
छापेमारी की शुरुआत सुबह तड़के हुई
छापेमारी की शुरुआत सुबह तड़के हुई, जब केंद्रीय एजेंसी की टीमें भारी पुलिस बल के साथ उद्योगपति के आवास और कार्यालयों पर पहुंची। स्थानीय पुलिस और अर्धसैनिक बलों की बड़ी संख्या में तैनाती की गई है, ताकि कार्रवाई में किसी तरह की बाधा न आए। बताया जा रहा है कि एजेंसी को कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज और सबूतों की तलाश है, जो कथित तौर पर अवैध वित्तीय लेनदेन से संबंधित हो सकते हैं।
इस दौरान माहौल तनावपूर्ण रहा, कुछ मीडिया कर्मियों ने घटनास्थल पर वीडियो बनाने की कोशिश की
इस दौरान माहौल तनावपूर्ण रहा। कुछ मीडिया कर्मियों ने घटनास्थल पर वीडियो बनाने की कोशिश की, लेकिन उनकी फुटेज को पुलिस और एजेंसी के अधिकारियों द्वारा डिलीट करा दिया गया। स्थानीय लोगों में इस कार्रवाई को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कई लोग इसे बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का हिस्सा मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे राजनीतिक बदले की कार्रवाई के रूप में देख रहे हैं।
छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज व इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए हैं, जिनकी जांच की जा रही है। हालांकि, अभी तक केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। यह कार्रवाई देर रात तक चलने की संभावना है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की है। किशनगंज में इस तरह की बड़ी छापेमारी ने न केवल स्थानीय कारोबारी समुदाय को हिलाकर रख दिया है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है।
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रतन कुमार और कौशल विश्वास की रिपोर्ट
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