झारखंड में ट्रांसजेंडरों के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों और सदर अस्पतालों में स्पेशल क्लिनिक खुलेगी, 14,732 लोगों को मिलेगा सीधा स्वास्थ्य लाभ।
झारखंड सरकार का बड़ा कदम: झारखंड में ट्रांसजेंडरों के लिए अब हर मेडिकल कॉलेज और सदर अस्पताल में स्पेशल क्लिनिक
झारखंड सरकार ने राज्य के ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए घोषणा की है कि अब राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों और सदर अस्पतालों में “Transgender Health Clinic” खोले जाएंगे। इन क्लिनिकों के माध्यम से राज्य के 14,732 ट्रांसजेंडरों को समर्पित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाएंगी।
राज्य सरकार के आदेश में कहा गया है कि प्रत्येक जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में ट्रांसजेंडरों के लिए अलग पंजीकरण काउंटर, जांच सुविधा और परामर्श कक्ष की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को इस समुदाय के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा।
Key Highlights:
झारखंड के सभी मेडिकल कॉलेज और सदर अस्पतालों में खुलेगी ट्रांसजेंडर स्पेशल क्लिनिक
राज्य के 14,732 ट्रांसजेंडरों की स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान होगा
हर अस्पताल में अलग पंजीकरण काउंटर, जांच सुविधा और परामर्श कक्ष बनेगा
डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों को ट्रांसजेंडर संवेदनशीलता का प्रशिक्षण मिलेगा
‘पीपल फॉर चेंज’ संस्था की पहल से सरकार ने आदेश जारी किया
बिहार, ओडिशा, बंगाल और छत्तीसगढ़ में भी इस मॉडल को लागू करने पर विचार
झारखंड सरकार का बड़ा कदम:
स्वास्थ्य विभाग के अवर सचिव धीरंजन प्रसाद शर्मा ने सभी सरकारी मेडिकल कॉलेजों और जिलों के सिविल सर्जनों को पत्र भेजकर निर्देश दिया है कि यह व्यवस्था जल्द शुरू की जाए। उन्होंने कहा कि सरकार ट्रांसजेंडर समुदाय तक स्वास्थ्य सेवाएं समान रूप से पहुंचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
झारखंड सरकार का बड़ा कदम:
यह निर्णय सामाजिक संस्था ‘पीपल फॉर चेंज’ की एक लंबी पहल का परिणाम है। संस्था के ट्रस्टी सौविक साहा ने जनवरी में इस अभियान की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य ट्रांसजेंडरों को मुख्यधारा की स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ना था। संस्था ने सरकार, विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से लगातार संवाद बनाकर यह प्रस्ताव प्रस्तुत किया था।
झारखंड सरकार का बड़ा कदम:
सौविक साहा ने कहा कि यह कदम केवल एक सरकारी आदेश नहीं, बल्कि ट्रांसजेंडर समुदाय की गरिमा और अधिकार की आधिकारिक पहचान है। उन्होंने बताया कि इस मॉडल को सफल बनाने के बाद इसे बिहार, ओडिशा, बंगाल और छत्तीसगढ़ जैसे पड़ोसी राज्यों में भी लागू करने पर विचार किया जा रहा है। सरकार के इस फैसले को लेकर राज्य भर में ट्रांसजेंडर समुदाय ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे उन्हें पहली बार स्वास्थ्य संस्थानों में समानता, सम्मान और सुविधा का अनुभव मिलेगा।
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