झारखंड शराब घोटाला में एसीबी ने विजन हॉस्पिटैलिटी कंपनी के तीन निदेशकों को रिमांड पर लिया। फर्जी बैंक गारंटी से करोड़ों की हेराफेरी का आरोप।
Jharkhand Liquor Scam Update रांची: ACB ने झारखंड में हुए बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में अहम कार्रवाई करते हुए एक प्लेसमेंट एजेंसी के तीन निदेशकों को पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। ये तीनों निदेशक हैं – परेश अभेय सिंह ठाकोर, विक्रम सिंह अभय सिंह ठाकोर और महेश शिडगे, जो मेसर्स विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज एंड कंसल्टेंट्स प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े हुए हैं।
एसीबी ने इन्हें पिछले महीने अहमदाबाद से गिरफ्तार किया था और ट्रांजिट रिमांड पर रांची लाया गया था। इसके बाद इन्हें कोर्ट में पेश करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेजा गया। अब एसीबी ने इनसे और गहराई से पूछताछ के लिए रिमांड हासिल किया है।
Jharkhand Liquor Scam Update : फर्जी बैंक गारंटी का खुलासा
एसीबी की जांच में सामने आया कि कंपनी ने फर्जी बैंक गारंटी के ज़रिए सरकारी ठेका हासिल किया।
प्राथमिकी के अनुसार, कंपनी ने 27 अगस्त 2023 को अपने प्रतिनिधि नीरज कुमार के हस्ताक्षर से ₹5.35 करोड़ (₹5,35,35,241) की बैंक गारंटी जमा कराई थी। बाद में 28 दिसंबर 2023 को कंपनी के निदेशक महेश शिडगे के हस्ताक्षर से दूसरी बैंक गारंटी दी गई, यह कहते हुए कि कंपनी में “आंतरिक बदलाव” हुआ है।
10 जनवरी 2024 को जांच के लिए पत्र लिखा गया, लेकिन उत्पाद विभाग या जेएसबीसीएल की ओर से कोई सत्यापन नहीं किया गया।
एसीबी का कहना है कि इस लापरवाही के चलते सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।
Key Highlights:
झारखंड के शराब घोटाला मामले में विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज एंड कंसल्टेंट्स प्रा. लि. के तीन निदेशक एसीबी रिमांड पर
तीनों को अहमदाबाद से गिरफ्तार कर ट्रांजिट रिमांड पर रांची लाया गया था
फर्जी बैंक गारंटी देकर सरकारी राजस्व को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने का आरोप
कंपनी को हजारीबाग, कोडरमा और चतरा में मैनपावर सप्लाई के लिए किया गया था चयन
एसीबी ने जालसाजी, धोखाधड़ी और कूटरचना के तहत प्राथमिकी दर्ज की
Jharkhand Liquor Scam Update : तीन जिलों में मैनपावर सप्लाई का ठेका
मेसर्स विजन हॉस्पिटैलिटी सर्विसेज एंड कंसल्टेंट्स प्रा. लि. को हजारीबाग, कोडरमा और चतरा जिलों में मैनपावर सप्लाई एजेंसी के रूप में चयनित किया गया था। अब एसीबी यह जांच कर रही है कि फर्जी गारंटी जमा कर ठेका कैसे मिला, और किन अधिकारियों की मिलीभगत से यह संभव हुआ।
एसीबी अधिकारियों के अनुसार, ये तीनों निदेशक मामले की मुख्य कड़ी हैं और इनके बयान से घोटाले की पूरी चेन उजागर हो सकती है।
Highlights




































