कई परीक्षाएं रद्द, बड़ी संख्या में अभ्यर्थी सड़कों पर करेंगे विरोध प्रदर्शन
रांची : झारखंड हाईकोर्ट से नियोजन नीति रद्द होने जाने के बाद छात्रों का हेमंत सरकार पर गुस्सा फूट पड़ा है.
Highlights
अभ्यर्थियों ने नियोजन नीति के प्रावधानों को जानबूझकर उलझाने का आरोप लगाया है.
एक साथ बड़ी संख्या में वैकेंसी रद्द हो जाने के कारण आक्रोशित अभ्यर्थी बड़ी संख्या में
सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करेंगे. अदालत से नियोजन नीति रद्द हो जाने के कारण
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र हतोत्साहित हैं.
नियोजन नीति रद्द: इन प्रतियोगी परीक्षाओं से वचिंत हो गए अभ्यर्थी
नियोजन नीति रद्द होने के बाद कई परीक्षाओं से अभ्यर्थी वंचित हो गए. झारखंड हाईकोर्ट से रद्द होने के बाद जिन विभाग की परीक्षाएं अब नहीं होगी उनमें हाई स्कूल टीजीटी परीक्षा, लैब असिस्टेंट परीक्षा, झारखंड सहायक प्रतियोगिता परीक्षा, झारखंड तकनीकी विशिष्ट योग्यता धारी परीक्षा, रिम्स परिचारिका श्रेणी एक की परीक्षा, आईटीआई प्रशिक्षण पदाधिकारी की परीक्षा, झारखंड वैज्ञानिक सहायक प्रतियोगिता की परीक्षा, झारखंड डिप्लोमा स्तर संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा, स्नातक स्तरीय संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा, नगर पालिका सेवा संवर्ग संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा समेत कई परीक्षाएं शामिल है.

झारखंड हाईकोर्ट से रद्द हुआ नियोजन नीति 2021
नियोजन नीति 2021 को झारखंड हाईकोर्ट ने 16 दिसंबर शुक्रवार को रद्द कर दिया. वहीं 10वीं और 12वीं की अनिवार्यता भी कोर्ट ने खारिज कर दिया. यह फैसला झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन की खंडपीठ ने सुनाया है. इससे पहले हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रविरंजन एवं न्यायधीश सुजीत नारायण प्रसाद की खंडपीठ ने सभी पक्षों की ओर से बहस और दलीलें सुनने के बाद नियोजन नीति पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
नियोजन नीति रद्द: 10वीं व 12वीं की अनिवार्यता भी खारिज
शुक्रवार को अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा वर्ष 2021 में पारित नियोजन नीति (जेएसएससी रूल्स संशोधन) को रद्द किया जाता है, और 10वीं व 12वीं की अनिवार्यता भी खारिज की जाती है. वहीं हाईकोर्ट ने रमेश हांसदा की ओर से दाखिल याचिका को भी स्वीकार कर लिया है.
रिपोर्ट: शाहनवाज