रांची: झारखंड में सहारा समूह के निवेशकों की बकाया राशि लौटाने के लिए पुलिस और सीआईडी लगातार प्रयासरत हैं। शुक्रवार को झारखंड पुलिस मुख्यालय में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और सहारा इंडिया की लीगल टीम के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें कुछ निवेशक भी शामिल हुए।
इस बैठक में डीजीपी ने सहारा इंडिया को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि वह झारखंड के निवेशकों की राशि जल्द से जल्द लौटाने की प्रक्रिया शुरू करे। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा नहीं किया गया, तो सहारा इंडिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
झारखंड के निवेशकों का दावा है कि उनकी करीब 4000 करोड़ रुपए की राशि सहारा समूह पर बकाया है। हालांकि, अब तक केवल 400 करोड़ रुपए का ही क्लेम दायर किया गया है। डीजीपी ने सहारा की लीगल टीम से झारखंड के निवेशकों और उनकी निवेशित राशि की विस्तृत जानकारी जल्द से जल्द उपलब्ध कराने को कहा।
डीजीपी ने खुलासा किया कि दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा रोक के बावजूद झारखंड में सहारा इंडिया की शाखाएं संचालित थीं। इन शाखाओं में निवेशकों से “री-सबमिशन” के नाम पर पैसे वसूले जा रहे थे, जिसके पर्याप्त प्रमाण पुलिस के पास मौजूद हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि रांची स्थित जोनल कार्यालय को छोड़कर झारखंड में सहारा का कोई अन्य कार्यालय संचालित नहीं होने दिया जाएगा। यदि ऐसा पाया गया, तो संबंधित शाखाओं के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
बैठक के दौरान सहारा इंडिया की लीगल टीम ने झारखंड में सील किए गए उनके कार्यालयों को खोलने की मांग की, लेकिन डीजीपी ने इसे स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया।
झारखंड के सहारा निवेशकों द्वारा किए गए आवेदनों के आधार पर झारखंड सीआईडी इस मामले पर तेजी से काम कर रही है। अधिकारियों ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि उनकी राशि की वापसी सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।