रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा के संरक्षक और दिशोम गुरु शिबू सोरेन के निधन के बाद पूरे राज्य में शोक की लहर है। इस बीच शिबू सोरेन की बहू कल्पना सोरेन ने अपने ससुर को याद करते हुए एक भावुक पोस्ट लिखी है।
कल्पना सोरेन ने पोस्ट की शुरुआत इन शब्दों से की
“प्रिय बाबा, जब पूरा देश आपको अश्रुपूरित नेत्रों से विदा कर रहा था, मैंने एक कोना पकड़ लिया है। अपनी आधी जिंदगी जिस वट वृक्ष के साए में महफूज़ होकर काटी, आज आपके जाने से वह बेटी-सी बहू अपनी टूटी हुई हिम्मत बटोरने का साहस नहीं कर पा रही है।”
उन्होंने लिखा कि शिबू सोरेन केवल उनके ससुर ही नहीं थे, बल्कि पूरे झारखंड के ‘बाबा’ थे। उन्होंने याद किया कि जब वह पहली बार इस परिवार में आईं, तो बाबा की सादगी, आवाज में ठहराव और सबसे अहम, उनकी सुनने की आदत ने उन्हें प्रभावित किया। बाबा हर किसान की चिंता, हर औरत का दर्द और हर मां की खामोशी को ध्यान से सुनते थे।
कल्पना सोरेन ने कहा कि बाबा ने राजनीति को सत्ता के लिए नहीं, बल्कि रिश्तों के सम्मान के लिए जिया। उनके पास बड़ी डिग्रियों से भी बड़ी दूरदर्शी दृष्टि थी। उन्होंने झारखंड को केवल खड़ा ही नहीं किया, बल्कि लोगों को आत्मनिर्भर बनने का हौसला भी दिया।
उन्होंने लिखा
“आपके बिना जीना मुश्किल है, पर आपके सपनों को जीना अब हमारा धर्म है। आपका नाम सिर्फ इतिहास में नहीं रहेगा, बल्कि हर लड़की के साहस में, हर गांव के संघर्ष में और झारखंड की हर सांस में जिंदा रहेगा।”
अंत में कल्पना सोरेन ने भावुक होकर कहा कि वह एक बहू नहीं, बल्कि बेटी की तरह बाबा से वादा करती हैं कि उनके सपनों को आगे बढ़ाने में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।
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