Koderma : कोडरमा समेत पूरे राज्य में तकरीबन 1625 वनरक्षी हड़ताल पर है, जिसका व्यापक असर कोडरमा में भी देखने को मिल रहा है। कोडरमा में भी अपनी मांगों को लेकर वनरक्षी वन प्रमंडल कार्यालय परिसर में धरने पर बैठे हैं और अपनी मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद कर रहे हैं। कोडरमा में तकरीबन 40 वनरक्षी है, जो अपना कामकाज छोड़ पिछले 8 दिनों से हड़ताल पर है, जिसके कारण जंगलों की रक्षा प्रभावित हो गई है।
झारखंड राज्य अवर वन सेवा संघ के बैनर तले वनरक्षियो की हड़ताल जारी है। वनपाल में सीधी नियुक्ति के बजाय वनरक्षियो को प्रोन्नति देकर वनपाल बनाए जाने और झारखंड राज्य अवर वनक्षेत्र कर्मी संवर्ग नियमावली 2014 में संशोधन वापस लेने की मांगों को लेकर वनरक्षी हड़ताल पर है। हड़ताली वनरक्षियो ने बताया कि पहले वनरक्षियो के शत-प्रतिशत प्रोन्नति से वनपाल का पद भरा जाता था।
Koderma : वनरक्षियो का हक छिनने की साजिश की जा रही है
लेकिन अब इस नियमावली में संशोधन कर 50 प्रतिशत सीधी नियुक्ति का रास्ता खोल दिया गया है। जिसके कारण वर्षों से जंगल की सुरक्षा करने वाले वनरक्षियो का हक छिनने की साजिश की जा रही है। इसके अलावे वनरक्षियो ने बताया कि वनों की सुरक्षा के दौरान कई बार उन पर जानलेवा हमले हुए और ऐसी संभावनाएं अक्सर बनी रहती है।
बावजूद इसके उनकी सुरक्षा के लिए कोई व्यापक रणनीति भी सरकार ने नहीं बनाई है। इसके अलावे अन्य मांगों को लेकर वे लोग हड़ताल पर हैं। हड़ताली वन रक्षियो ने बताया कि अगर इसके बाद भी उनकी मांगे नहीं मानी गई, तो उनका आंदोलन उग्र होगा और राज्य मुख्यालय में भी प्रदर्शन और आंदोलन कर वे लोग अपनी मांगों को लेकर आवाज बुलंद करेंगे।
कोडरमा से कुमार अमित की रिपोर्ट—–