Thursday, July 31, 2025

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RG Kar Doctor Rape Murder Case में हाईकोर्ट पहुंची ममता सरकार, दोषी के लिए मांगी फांसी

कोलकाता : RG Kar Doctor Rape Murder Case में हाईकोर्ट पहुंची ममता सरकार, दोषी के लिए मांगी फांसी। कोलकाता के RG Kar Doctor Rape Murder Case में सियालदह कोर्ट द्वारा दोषी को उम्र कैद की सजा मुकर्रर किए जाने से असंतुष्ट सीएम ममता बनर्जी के सोमवार के सामने आए रुख के बाद मंगलवार को ममता बनर्जी सरकार ने कलकत्ता हाईकोर्ट में इस बारे में अर्जी दायर की है।

ममता सरकार की ओर से महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने संजय रॉय के लिए मौत की सजा की मांग करते हुए न्यायमूर्ति देबांगशु बसाक की खंडपीठ में याचिका दायर की है। मामले को दायर करने की अनुमति दे दी गई है। सीएम ममता बनर्जी ने बीते सोमवार को ही कहा था कि दोषी संजय राय की फांसी की मांग को लेकर बंगाल सरकार हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी।

RG Kar Doctor Rape Murder Case के फैसले पर यह बोलीं थी ममता…

बीते सोमवार को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद दौरे पहुंची सीएम ममता बनर्जी ने RG Kar Doctor Rape Murder Case में कोर्ट की ओर दोषी को सुनाए गए फैसले पर अपनी राय खुलकर रखी। सीएम ममता ने कहा कि – ‘मैं निजी तौर पर अदालत के  फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। हम सभी ने मौत की सजा की मांग की थी लेकिन अदालत ने आजीवन कारावास की सजा दी है। मैं (फैसले से) संतुष्ट नहीं हूं।

…सियालदह की अदालत ने संजय रॉय को राज्य सरकार द्वारा संचालित RG Kar मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में प्रशिक्षु चिकित्सक से बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी करार दिये जाने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। हमें नहीं पता कि इस मामले में जांच कैसे की गई। राज्य पुलिस द्वारा जांच किये गए ऐसे ही कई मामलों में मौत की सजा सुनिश्चित की गई।

…RG Kar Case  की जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस से जबरन ले लिया गया था और CBI को दे दिया गया था। यदि जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस के पास ही रहा होता, तो उसने निश्चित रूप से मौत की सजा सुनिश्चित करवाई होती’।

RG Kar Doctor Rape Murder Case में सुनाई गई सजा पर नाखुश हैं सीएम ममता बनर्जी।
RG Kar Doctor Rape Murder Case में सुनाई गई सजा पर नाखुश हैं सीएम ममता बनर्जी।

बोलीं थीं सीएम ममता – हम तो नरपिशाचों के लिए चरम सजा चाहते थे…

RG Kar Doctor Rape Murder Case में बीते सोमवार को कोलकाता के सियालदह कोर्ट की ओर सुनाए गए फैसले पर CBI के बहाने के केंद्र सरकार सीएम ममता बनर्जी ने जमकर घेरा था। सीएम ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद में हेलीकॉ़प्टर से उतरते ही मीडिया से मुखातिब होते हुए RG Kar Doctor Rape Murder Case पर बात की थी।

सीएम ममता ने कहा था कि – ‘RG Kar Case में सोमवार को सुनाए गए फैसले से मैं कत्तई खुश नहीं हूं। आपको याद होगा कि अपने ही पश्चिम बंगाल के जयनगर, फरक्का और खड़गपुर में हुए रेप और मर्डर की घटनाओं में हमारी पुलिस की ओर से जांच कर दस्तावेजों एवं साक्ष्यसम्मत तथ्यों के साथ दाखिल चार्जशीट के आधार पर ही कोर्ट ने तीनों ही मामलों में दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है।

…हम अपनी जांच के आधार पर दोषियों को फांसी दिलवाने में कोर्ट में सफल रहे जबकि CBI  नहीं। यह गंभीर चिंता का विषय है कारण कि RG Kar Case काफी गंभीर एवं संवेदनशील होने के साथ ही जनभावनाओं से जुड़ा था।

…हमारें हाथों से जबरन जांच का जिम्मा झपट लिया गया। हम चाहते थे कि ऐसे मामलों में नरपिशाचों को चरम सजा मिले ताकि वह दृष्टांत बने। आज के फैसले से मैं संतुष्ट नहीं हूं। फांसी की सजा सुनाई गई होती को मन को कम से कम मिल पाती…’। 

RG Kar Case में उम्र कैद की सजा सुनकर इजलास में बुदबुदाया था दोषी संजय रॉय – बदनाम हो गया…

RG Kar Doctor Rape Murder Case में बीते सोमवार अपराह्न पौने 3 बजे कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। सियालदह कोर्ट ने संजय रॉय पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया लेकिन सजा सुनाए जाने के दौरान निर्विकार होकर इजलास में खड़े  दोषी संजय रॉय का हावभाव सजा सुन लेने के बाद गौर करने लायक था।

इजलास में खड़े RG Kar Doctor Rape Murder Case के दोषी संजय रॉय पर वहां मौजूद लोगों की निगाहें टिकी थीं, सिवाय उसके पैरवी करने वाले वकील के। सजा सुनने के बाद इजलास से बाहर निकलने के दौरान दम तोड़ने तक के लिए सलाखों के पीछे जीवन बिताने की सजा पाने वाला संजय रॉय मायूस, हताश और लुटापिटा-सा नजर आया। इसी क्रम में वह डबडबाई आंखों के साथ बुदबुदाते देखा गया था।

इजलास से निकलने के दौरान संजय रॉय को उसकी पैरवी करने वाले वकीलों ने उसे बताया कि उसे फांसी नहीं उम्रकैद हुई है। इतना सुनते ही संजय रॉय फिर बुदबुदाया था कि – ‘मैं तो बदनाम हो गया…’। इससे पहले दोषीसिद्ध संजय रॉय को सजा सुनाए जाने से पहले कोर्ट के कमरा नंबर 210 के न्यायालय कक्ष में पेश किया गया। वहां इजलास में दोनों हाथ आगे की ओर झुलाए हुए दशा में खड़े संजय रॉय ने कातर निगाहों से अपनी बात से फिर से रखनी चाही।

उसे न्यायाधीश ने बोलने का मौका दिया था। बीते शनिवार को कही गई बातों को ही नए सिरे से दोहराते हुए कातर स्वर में बीते सोमवार को भी संजय राय ने गिड़गिड़ाते हुए कहा  था– ‘…मैंने कोई कत्ल या अन्य अपराध नहीं किया है। जो भी अपराध मेरे नाम गिनाए गए हैं, उनमें से एक भी मैंने नहीं किया। मुझे फंसाया गया है। मैंने पहले भी यही बात कही है।

…जो मैंने सुना है कि इस केस में बहुत सारे सबूत मिटा दिए गए जिस बारे में मैं कुछ जानता भी नहीं था। मैं निर्दोष हूं। मैंने पहले भी आपको बताया है कि मुझे किस कदर मारापीटा गया है। जिसके जो मन में आया, उसने वैसे मेरे पर अत्याचार किया। मुझे जबरन हस्ताक्षर कराए गए। जहां लोगों ने कहा, वहीं हस्ताक्षर कर दिए थे…’। 

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