डिजिटल डेस्क : बैतूल की कोयला खदान में स्लैब गिरने से कई मजदूर दबे, 3 की मौत। मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में बीती देर शाम एक बड़ा हादसा हुआ है। वहां वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की कोयला खदान में छत का हिस्सा ढहने से कार्यरत कई मजदूर दब गए।
Highlights
मौके पर 3 मजदूरों की मौत की पुष्टि हुई है। मौके पर पुलिस और रेस्क्यू टीमें पहुंच गई हैं। मलबे में दबे लोगों को बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है।
बैतूल के एसपी निश्चल झारिया ने घटना की पुष्टि की और एसपी खुद भी छतरपुर-1 खदान पहुंच गए हैं।
हादसे में 25 मजदूरों के दबने की आशंका
बताया जा रहा है कि कोयला खदान के एक फेज की स्लैब अचानक ढह गई। बैतूल के पाथाखेड़ा क्षेत्र में वेस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड की छतरपुर-1 खदान है। यहां गुरुवार को खदान की 10 मीटर ऊंची छत गिर गई।
खदान के कंट्यूनर माइनर सेक्शन में कोयला काटते वक्त यह हादसा हुआ। हादसे के वक्त खदान के अंदर 25-26 लोग विभिन्न सेक्शनों में काम करने में जुटे हुए थे। हादसे में उन सभी के दबने की आशंका है। जानकारी मिलने पर स्वजनों में चीख-पुकार मची हुई है।
विधायक, डीएम और एसपी रेस्क्यू स्थल पर पहुंचे
इस बीच हादसे की सूचना पाकर विधायक डॉ. योगेश पंडाग्रे, कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी और पुलिस अधीक्षक (एसपी) निश्चल झारिया मौके पर पहुंचे। वे रेस्क्यू स्थल पर बने हुए हैं। और स्थिति का जायजा लिया।
वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) में हादसे में दबे मजदूरों को राहत -बचाव टीमें लगातार सुरक्षित बाहर निकालने में जुटी हैं। अब तक बाहर निकाले गए हादसे के शिकार मजदूरों में से 3 की मौत की पुष्टि की गई है।
बताया गया कि इस हादसे में गोविंद कोसरिया (37) शिफ्ट इंचार्ज,हरि चौहान (46) ओवरमैन,रामदेव पंडोले (49) माइनिंग सरदार की मौत हो गई।

हादसे की जांच शुरू, मृतकों के आश्रितों को मिलेगी सहायता राशि
मौके पर पहुंचे कलेक्टर सूर्यवंशी के निर्देश पर तुरंत रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया। विधायक डॉ. पंडाग्रे और कलेक्टर सूर्यवंशी ने वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (WCL) के जीएम को निर्देश दिया है कि मृतकों के परिजनों को तत्काल लाइफ कवर स्कीम के तहत 1.5 लाख रुपए की सहायता राशि दी जाए।
इसके अलावा एक्स-ग्रेसिया, ग्रेच्युटी, कंपनसेशन, पीएफ और लाइफ एनकैशमेंट की राशि भी शीघ्र जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
घटना के बाद प्रशासन ने माइनिंग सुरक्षा मानकों की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोका जा सके। फिलहाल, रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा कर लिया गया है और अधिकारियों द्वारा हादसे के कारणों की विस्तृत जांच जारी है।