पटना: प्रधानमंत्री पर तंज कसने के बाद बिहार के पूर्व मंत्री और वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की Y+ सिक्योरिटी वापस ले ली गई। इसके बाद एक बार फिर मुकेश सहनी ने बड़ा बयान दिया है और कहा कि मैंने प्रधानमंत्री को उनकी जिम्मेदारी याद दिलाई थी लेकिन फिर भी उन्हें बुरा लग गया। अगर वे चाहते हैं कि लोगों को गुलाम बना कर रखा जाए तो मैं स्पष्ट कर देना चाहताह हूं कि सन ऑफ़ मल्लाह कभी किसी का गुलाम नहीं बनेगा।
मुकेश सहनी ने कहा कि मैंने ऐसा कोई भी बयान नहीं दिया है कि देश के प्रधानमंत्री की गरिमा को चोट पहुंचे। वे मेरे भी प्रधानमंत्री हैं और मैं सम्मान करता हूं। मैं अपने बयान पर अभी भी खड़ा हूं। मैं ये कहना चाह रहा था कि जब वीपी सिंह की सरकार थी और मंडल कमीशन लागू हुआ था। इस पर गृहमंत्री और प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि झूठ बोल रहे हैं। तो मैं प्रधानमंत्री से कहना चाहता हूं कि आपकी भी करीब 17-18 वर्षों तक सरकार रही तो आपने सभी 40 पॉइंट को लागू क्यों नहीं किया। दो पॉइंट लागू हुआ और 27 प्रतिशत आरक्षण 2007 में कांग्रेस पार्टी ने ही लागू किया था।
आपने 11 महीने में वीपी सिंह की सरकार ‘मंडल बनाम कमंडल’ कह कर गिरा दिया था। आप तो कर्पूरी ठाकुर और मंडल कमीशन दोनों का विरोध किया था। आपको लागू करना चाहिए था। मंडल कमीशन के रिपोर्ट में मछुआरे के लिए भी आरक्षण का सिफारिश है लेकिन आपने कुछ नहीं किया और बिहार के लोगों को झूठ बोल रहे हैं। आप मंदिर-मस्जिद, हिंदू मुसलमान, मुकेश सहनी क्या खाएंगे इस पर बात कर रहे हैं लेकिन ये नहीं कह रहे हैं कि आपने क्या किया।
खत्म करना चाहते हैं आरक्षण
आपने दिसंबर में मेरे से मिल कर कहा था कि हम आरक्षण लागू करेंगे और उसके बाद आपने नीतीश जी को पलटा कर अपने में मिला लिया और एक मल्लाह के बेटा को छोड़ दिया। हम अपने अधिकार की लड़ाई रहे हैं। हमने सरकार बनाया था और आपने हमारे विधायक को खरीद कर हमें सरकार से बाहर कर दिया। बताइये हम आपका गुलाम क्यों बन जाएं। गृहमंत्री जी आये और कहा कि हम जातिवाद खत्म करेंगे। आपलोग हमारा आरक्षण खत्म करना चाहते हैं।
मुझे मरवाना चाहते हैं
मुकेश सहनी ने अपनी Y+ सुरक्षा हटाए जाने पर भी कहा कि एक प्रक्रिया के तहत मुझे भारत सरकार के द्वारा सुरक्षा दी गई थी और मेरे बयान को तोड़ मरोड़ कर उन्होंने सुना और आनन फानन में सुरक्षा हटा ली गई। अभी तक मेरे पास इस मामले में कोई पत्र नहीं आया है। सिर्फ एक बयान की वजह से आपने मेरी सुरक्षा हटा ली मतलब आप मुझे मरवाना चाहते हैं तो मुझे सीधे फांसी की सजा दे दीजिये। हम अपने हक़ अधिकार के लिए लड़ेंगे, अगर यह गुनाह है फिर भी मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। मैं अपने समाज के लिए लड़ाई लड़ रहा हूं और हमेशा लड़ता रहूँगा।
भले मुझे मरना पड़े लेकिन…
एक सीट के लिए मैं भाजपा के साथ कभी राजनीति नहीं करूंगा भले मुझे जहर खा कर मरना पड़े। अगर मेरा अधिकार मुझे मिलेगा तो निश्चित तौर पर हम आपके साथ खड़ा रहेंगे। जब तक मल्लाह के बेटा को उसका अधिकार नहीं मिलेगा तब तक हम लड़ेंगे। हम अपने अधिकार के लिए दशरथ मांझी की तरह कहूंगा कि जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं। आप ही बताइये क्या लोकतंत्र है, अगर आपने मेरी जान माल की सुरक्षा के लिए मुझे Y+ सुरक्षा दिया, हटाना था तो कम करते लेकिन आपने सीधे हटा ही दिया।
मुझे कोई परवाह नहीं है, हम गरीब घर में पैदा हुए हैं संघर्ष करने वाले हैं। भाजपा को जब हमारी जरूरत थी तब उन्होंने मुझे वाय प्लस दिया और आज हटा दिया। हम संविधान बचाने के लिए हमेशा लड़ेंगे। आज भी कई लोग हैं जिनके पास न घर है न उसके पास इलाज के लिए पैसा है। आप पांच किलो चावल मुफ्त में देकर लोगों को गुलाम बनाना चाहते हैं। मैं प्रधानमंत्री से हाथ जोड़ कर कहना चाहता हूं कि प्रधानमंत्री पूरे देश की जनता की जिम्मेदारी आपकी है। आप 2014 में जो भाषण देते थे वही फिर से दीजिए तब हम समझेंगे।
पटना से अविनाश सिंह की रिपोर्ट
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