Sunday, September 28, 2025

Related Posts

अब गांवों की सड़कों पर भी सरपट दौड़ रहीं गाड़ियां, खेत से लेकर बाजार तक…

गांव की सड़कों का रखरखाव तेज, इतनी बड़ी राशि से हो रहा ग्रामीण सड़कों का विकास। गांवों के रास्‍ते होंगे बिहार की नई पहचान! 42,252 किमी से ज्यादा सड़कें होंगी चकाचक। 20 हजार करोड़ से बदली गांव के सड़कों की तस्वीर, सरपट दौड़ रही गाड़ि‍यां। गांव-गांव पहुंची पक्की सड़क, सफर हुआ आसान! जानिए किस जिले में सबसे ज्यादा हुआ काम। बिहार के गांवों में क्रांति: 37 हजार किमी से ज्यादा सड़कों का रखरखाव पूरा। अब गांव के हर मोहल्‍ले से स्कूल, अस्पताल, बाजार और खेत पहुंचना हुआ आसान

पटना: गांव की गलियों से लेकर खेत-खलिहानों तक जाने वाली पक्की सड़कों का चेहरा अब बदल रहा है। बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति 2018 के तहत राज्य के ग्रामीण इलाकों में 40,252 किलोमीटर से अधिक लंबाई की सड़कों की मरम्मती और रखरखाव का काम तय किया गया था। इसमें से अब तक 37,026 किलोमीटर से ज्यादा सड़कों चकाचक करने का काम पूरा हो चुका है।

15,404 किलोमीटर की सड़कों का काम पूरा

बताते चलें, गांव के लोगों के लिए यह सिर्फ सड़क नहीं, बल्कि बाज़ार, अस्पताल, स्कूल और रोज़गार तक आसान पहुंच का रास्ता है। इस योजना के तहत अब तक 16,167 सड़कों की मरम्मती को प्रशासनिक मंजूरी मिल चुकी है। जिनकी कुल लंबाई 40,252 किलोमीटर से अधिक है। इन पर 20 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा खर्च किया जा रहा है। इनमें से 15,404 सड़कों की मरम्मती पहले ही पूरी हो चुकी है, जिनकी लंबाई 36,574 किलोमीटर से अधिक है।

कौन सा जिला सबसे आगे?

अनुरक्षण यानी सड़कों की मरम्‍मत के मामले में पूर्वी चंपारण सबसे आगे है। यहां 2,370 किलोमीटर से ज्यादा लंबी सड़कों चकाचक किया गया है। इसके बाद दूसरे नंबर पर पश्चिम चंपारण है। यहां 1,979 किलोमीटर सड़कों को सुदृढ़ बनाया गया है। वहीं, मुजफ्फरपुर के गांवों की भी 1,644.85 किलोमीटर सड़कों को मजबूत किया गया है। इसके अलावा सारण में 1,570.11 किलोमीटर, समस्तीपुर में 1,399.11 किलोमीटर, गयाजी में 1,364.88 किमी और वैशाली 1,351 किलोमीटर सड़के चकाचक हो गईं हैं।

बदल रही है गांव की सड़कें

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार के दिशा निर्देश के तहत अब बिहार ग्रामीण पथ अनुरक्षण नीति 2018 का मकसद सिर्फ सड़क बनाना नहीं, बल्कि उन्हें लंबे समय तक दुरुस्त रखना भी है। इसमें ग्रामीण सड़कों और पुलों का नियमित रख-रखाव किया जाता है, ताकि बरसात, गर्मी या सर्दी, किसी भी मौसम में गांव के लोग इन रास्‍तों पर आसान सफर कर सकें। जिसका लाभ गांव के किसानों से लेकर स्‍कूल जाने वाले बच्‍चों तक को मिल रहा है।

किसानों के लिए फसल मंडी तक पहुंचा आसाना हुआ है। स्कूल जाने वाले बच्‍चों को सुविधा होगी और बीमार लोगों को पक्‍के रास्‍तों से अस्‍पतालों तक पहुंचाना आसान होगा। अब गांव की सड़कों चेहरा बदल रहा है। लोगों के जीवन में सुधार आ रहा है।

https://www.youtube.com/@22scopestate/videos

यह भी पढ़ें-  रोटरी क्लब ने बेतिया नगर निगम को सौंपा वातानुकूलित शव वाहन, मेयर ने कहा…

145,000FansLike
24,800FollowersFollow
628FollowersFollow
629,000SubscribersSubscribe