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पटना: बड़ी खबर राजधानी पटना से है जहां पूर्व केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजद सुप्रीमो लालू यादव से मुलाकात करने उनके आवास पर पहंचे। पशुपति पारस के साथ उनके भतीजा प्रिंस पासवान भी थे। राबड़ी आवास में दोनों नेताओं के साथ बातचीत हुई। सूत्रों से जानकारी मिल रही है कि पशुपति पारस विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा करने पहुंचे थे। वहीं राजद की तरफ से कहा गया है कि यह एक शिष्टाचार मुलाकात है। मकर संक्रांति के दही चुरा भोज में लालू यादव उनके आवास पर गये थे इसलिए पशुपति पारस फिर से मिलने आये है।
बता दें कि कुछ दिन पहले तक रालोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पशुपति पारस अपने आप को एनडीए का हिस्सा कहते थे जबकि बिहार में हाल फिलहाल में एनडीए के कार्यक्रमों में पश्पति पारस को आमंत्रित नहीं किया गया जिसके बाद से पशुपति पारस ने कहा है कि वे अभी तक एनडीए का हिस्सा हैं। आगे वे क्या करेंगे इस पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कार्यकर्ताओं की राय लेने के बाद निर्णय लिया जायेगा।
मकर संक्रांति के दौरान पशुपति पारस और लालू यादव के बीच बढ़ी नजदीकियों के बाद से ही कयास लगाया जा रहा है कि पशुपति पारस विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के साथ जायेंगे। हालांकि इस मामले में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि सीट शेयरिंग पर चर्चा के दौरान उनसे बात करेंगे। हालांकि पशुपति पारस और लालू यादव के बीच मुलाकात के बाद लगाये जा रहे कयासों पर राजद के सांसद संजय यादव ने एक शिष्टाचार मुलाकात बताया है।
संजय यादव ने कहा कि पशुपति पारस महागठबंधन का हिस्सा होंगे या नहीं यह निर्णय राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव लेंगे। इसके साथ ही संजय यादव ने कहा कि पशुपति पारस ए अनुभवी नेता हैं और वह जिस गठबंधन के साथ रहेंगे उसे फायदा जरुर होगा। इस दौरान संजय यादव ने उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के द्वारा लालू यादव पर परिवारवाद का आरोप लगाये जाने के पर पलटवार करते हुए कहा कि वे खुद को शीशा में देखते हुए यह बात बोलें। उनकी मां ने चुनाव लड़ा, उनके भाई नेता हैं, परिवार के सभी सदस्य सक्रिय राजनीति में हैं और वे परिवारवाद का आरोप लगा रहे हैं।
वे तेजस्वी यादव के सामने खड़ा होने के बराबर भी नहीं है। तेजस्वी ने 2020 में अकेले ही पूरे एनडीए से टक्कर लिया था और राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में राजद सामने आई। संजय यादव ने इस दौरान कहा कि उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा सम्राट चौधरी से अधिक वरिष्ठ हैं फिर भी नीतीश कुमार सबसे अधिक सम्राट चौधरी से सलाह मशवरा करते हैं। सम्राट चौधरी 2010 से पहले राजद के साथ रह कर चुनाव जीतते आये हैं उसके बाद उन्होंने एक बार भी चुनाव नहीं लड़ा। उनकी आज राजनीति में अगर कुछ भी पहचान है तो वह राजद की वजह से है।
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पटना से चंदन तिवारी की रिपोर्ट
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