पटना: तेजस्वी यादव की शादी के बाद उनके मामा साधु यादव ने जो बयान दिया है. उसपर बिहार में राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है. साधु यादव के बयान को लेकर पहले हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने तल्ख टिप्पणी की. वहीं दूसरी ओर तेज प्रताप यादव के आवास के बाहर छात्र जनशक्ति परिषद् के कार्यकर्ताओं ने साधु यादव का पुतला दहन कर विरोध जताया है.
पुतला दहने के बाद छात्र जनशक्ति परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष प्रशांत रंजन ने कहा कि धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र का प्रदेश बदलते बिहार की तस्वीर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने रिसेल से शादी कर धर्मनिरपेक्षता का संदेश दिया है. तेजस्वी यादव ने यह बताया है कि बिहार में जाति, धर्म से ऊपर उठकर मानवता धर्म है. संबंध, मानवता, प्रेम सर्वोपरि है, इससे बिहारवासियों को सकारात्मक रूप में लेकर सीखने की जरूरत है. तेजस्वी यादव ने परिवार के कुछ सदस्यों को इनविटेशन नहीं दिया था, जिसके कारण वे नाराज हैं. नाराजगी में आक्रामक होकर अनर्गल बयानबाजी करते जा रहे हैं. प्रशांत ने कहा कि यह पुतला दहन कंस जैसे शक्ति का पुतला दहन है, साधु यादव के अंदर जो कंस जैसी प्रवृत्ति है, उसका पुतला दहन हुआ है. मामा कंस भी थे और कृष्ण भी थे. साधु यादव अपनी गलती को स्वीकार करते हुए तेजस्वी और रसेल का स्वागत करें. वो कंश नहीं कृष्ण के रूप में वापस आएं. अगर वो माफी नहीं मांगते हैं, तो पुरा बिहार प्रदेश उन्हें माफ नहीं करेगा.
बताते चलें कि तेजस्वी की रासेल से शादी होने पर नाराज मामा साधु यादव भड़क गये हैं. उन्होंने कहा कि तेजस्वी ने रासेल से शादी कर कुल, खांदान का नाश किया है, परिजनों को समाज में मुंह दिखाने के लायक नहीं छोड़ा है. जिससे उन्हें राजनीतिक करियर में भी समस्या का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने इस मामले में कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी का उदाहरण देते हुए कहा कि 40 साल बीत जाने के बाद भी सोनिया को ब्राह्मण समाज ने नहीं अपनाया. यही हाल आगे इन लोगों का होने वाला है.
रिपोर्ट- रॉबिन