Sarhasa-बाहुबली पप्पू देव की मौत पर आक्रोशित लोगों ने सड़क जाम कर विरोध प्रर्दशन किया. विरोध प्रर्दशन में शामिल लोगों का कहना है कि 90 के दशक से पप्पू देव अपराध जगत में रहा, लेकिन तब पुलिस पप्पू देव का बाल भी बांका नहीं कर सका और अब जब वह अपराध की दुनिया को छोड़ शान्ति और सुकून की जिन्दगी जी रहा था, पुलिस ने बबर्रता पूर्वक मार डाला.
हालांकि इस मामले में पुलिस अधीक्षक का कहना है कि पप्पू देव की मौत हार्ट अटैक से हुई है, लेकिन स्थानीय लोगों का कहना है कि पप्पू देव का किसी के साथ जमीन का विवाद चल रहा था. इसी जमीन विवाद के दौरान हंगामा हो गया. हंगामे की सूचना पर पुलिस आई, पुलिस को आता देख पप्पू देव भाग खड़ा हुआ. पुलिस ने पुलिस ने पप्पू देव का पीछा करना शुरु किया. भागने के क्रम में पप्पू देव गिर पड़े और उसके बाद बेरहमी से पूरे ठंढे दिमाग के साथ पुलिस कर्मियों द्वारा उसकी हत्या कर दी गई. पप्पू देव के पूरे शरीर पर जख्म के सैंकड़ों निशान है, यह निशान ही पुलिसिया बर्बरता की गवाही दे रहा है.
इस मामले में बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष शालिग्राम देव का कहना है कि एसपी लिपि सिंह और उनकी टीम द्वारा यह कहर बरपाया गया है. यदि इसकी जांच नहीं की गई तो सरकार की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा होगा.
यहां बता दें कि पप्पू देव का शव को जैसे ही उनके पैतृक आवास बिहरा लाया गया तो पुलिस प्रशासन को भारी विरोध का सामना करना पड़ा. पप्पू देव के समर्थकों ने सदर एसडीपीओ संतोष कुमार, एसडीओ प्रदीप झा सहित जिला प्रशासन के विरुद्ध जम कर नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया. घटना की जानकारी मिलते ही पप्पू देव की पत्नी पूनम देव पटना से घर पहुँची. पप्पू देव की 80 वर्षीय मां इंग्लिश देवी का रो-रो कर बुरा हाल है.