डिजिटल डेस्क : राहुल गांधी का संघ प्रमुख मोहन भागवत पर हमला, बोले – उनका बयान देशद्रोह के समान। बुधवार को कांग्रेस के नए मुख्यालय इंदिरा भवन का शुभारंभ कांग्रेस संसदीय दल नेत्री सोनिया गांधी ने किया लेकिन कार्यक्रम में जिस बात ने सियासी तूल पकड़ा, वो है इस मौके कांग्रेस के सांसद और लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का बयान।
राहुल गांधी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख डॉ. मोहन भागवत को उनके हालिया बयान पर निशाने पर लिया।
संघ प्रमुख पर सीधा हमला बोलते हुए अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि – ‘उनका (संघ प्रमुख का) यह बयान कि भारत को आजादी राम मंदिर बनने के बाद मिली, राजद्रोह -देशद्रोह के समान है। …भागवत का कहना कि देश को 1947 में आजादी नहीं मिली, हर भारतीय का अपमान है। भागवत ने किसी और देश में यह कहा होता तो वो गिरफ्तार हो चुके होते’।
राहुल बोले – …तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता, मुकदमा चलता
इसी क्रम में कांग्रेस मुख्यालय के उद्घाटन के मौके पर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आगे कहा कि – ‘कल मोहन भागवत ने कहा कि संविधान हमारी स्वतंत्रता का प्रतीक नहीं है। लेकिन इसके बाद भी पंजाब, कश्मीर, पूर्वोत्तर में हमारे हजारों कार्यकर्ता मारे गए। मगर कांग्रेस फिर भी कुछ खास मूल्यों के लिए खड़ी रही है। हम इस इमारत में उन मूल्यों को देख सकते हैं।

मोहन भागवत हर 2-3 दिन में देश को यह बताते हैं कि वे स्वतंत्रता आंदोलन और संविधान के बारे में क्या सोचते हैं? कल उन्होंने जो कहा वह देशद्रोह है। भागवत ने कहा कि संविधान अमान्य है और अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई अमान्य थी।
भारत में उन्हें सार्वजनिक रूप से यह कहने की हिम्मत है। किसी अन्य देश में अगर वे ऐसा कहते तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता और उन पर मुकदमा चलाया जाता। …यह कहना कि भारत को 1947 में आजादी नहीं मिली हर भारतीय का अपमान है। अब समय आ गया है कि हम इस बकवास को सुनना बंद करें, क्योंकि ये लोग सोचते हैं कि वे बस रटते रहेंगे और चिल्लाते रहेंगे’।

दृढ़ता से बोले राहुल – सिर्फ कांग्रेस ही रोक सकती है भाजपा और संघ के एजेंडे को
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी यही नहीं रुके। बड़े ही दृढ़ विश्वास के साथ कहा कि – ‘…भाजपा और संघ दलितों, अल्पसंख्यकों, पिछड़ी जातियों और आदिवासियों की आवाज को बंद करना चाहते हैं। यह उनका एजेंडा है। देश में कोई दूसरा दल नहीं है जो भाजपा और संघ के एजेंडे को रोक सके। अकेले कांग्रेस ही वहीं पार्टी है जो इन्हें रोक सकती है क्योंकि हम एक विचारधारा वाली पार्टी हैं।
…और हमारी विचारधारा कल नहीं उभरी है। हमारी विचारधारा RSS की तरह हजारों साल पुरानी है और हम हजारों सालों से आरएसएस की विचारधारा से लड़ रहे हैं।पश्चिमी दुनिया स्वयं से बाहर पर ध्यान केंद्रित करती है, जबकि भारतीय सोच का तरीका स्वयं को समझने के बारे में है। भारत में भी स्वयं के बारे में दो दृष्टिकोण हैं, जो संघर्ष है। एक हमारा संविधान का विचार और दूसरा आरएसएस का विचार है’।

संघ प्रमुख के जिस बयान पर भड़के राहुल गांधी, उस बयान को पढ़ लें…
बुधवार को नई दिल्ली के नए मुख्यालय कोटला मार्ग स्थित ‘इंदिरा भवन’ का उद्घाटन के मौके पर अपने संबोधन में लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत के जिस बयान पर इतने भड़के हुए दिखे, उसका जिक्र उठना लाजिमी है। कांग्रेसी जन भी अब संघ प्रमुख के उस बयान को इंटरनेट और सोशल मीडिया माध्यमों में तलाशने में जुट गए हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने 2 दिन पहले बीते सोमवार को कहा था कि – ‘…अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि प्रतिष्ठा द्वादशी के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि कई सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को असली आजादी इसी दिन हासिल हुई थी’।
उसी बयान पर सियासी तौर पर कुपित हुए राहुल गांधी ने बुधवार को कांग्रेस के नए मुख्यालय भवन के मौके को कहा कि – भागवत का यह बयान कि भारत को आजादी राम मंदिर बनने के बाद मिली, राजद्रोह के समान है।
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