रांची: रामदास सोरेन के निधन के बाद पूरे राज्य में शोक का माहौल है। इस बीच पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने उन्हें याद करते हुए भावुक बयान दिया। उन्होंने कहा कि रामदास सोरेन सादगी और सरलता की मिसाल थे। उनका व्यक्तित्व इतना सहज था कि यह महसूस ही नहीं होता था कि वह किसी राज्य सरकार में मंत्री पद पर हैं। वे हर किसी से—चाहे आमजन हों या उच्च पदों पर बैठे लोग—समान व्यवहार करते थे।
कुणाल षाड़ंगी ने याद किया कि जिस दिन उनके साथ हादसा हुआ, उसी शाम वे पार्टी की बैठक में शामिल हुए थे और अगले दिन निर्मल महतो शहादत दिवस की तैयारियों को लेकर चर्चा कर रहे थे। लेकिन महज 12 घंटे के भीतर सबकुछ बदल गया। उन्होंने कहा, “रामदास जी के चले जाने से झामुमो और खासकर कोल्हान की राजनीति को गहरा आघात पहुंचा है। वह पार्टी में ‘भीष्म गुरु’ की तरह थे। उनके निधन से पैदा हुई शून्यता की भरपाई लंबे समय तक संभव नहीं होगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि शिबू सोरेन के निधन के चंद दिनों बाद यह दूसरी बड़ी क्षति हुई है। पार्टी और कार्यकर्ताओं के लिए यह समय बेहद कठिन है।