Ramgarh: रामगढ़ थाना परिसर में शनिवार सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों का जमावड़ा लगा हुआ है। प्रदर्शनकारी, आफताब अंसारी की बरामदगी की मांग कर रहे हैं, जो बीते कुछ दिनों से रहस्यमय ढंग से लापता है।
Ramgarh: क्या है पूरा मामला?
जानकारी के अनुसार, आफताब अंसारी को रामगढ़ पुलिस ने कथित मारपीट के एक मामले में पूछताछ के लिए थाना बुलाया था। हालांकि, आफताब की पत्नी का आरोप है कि आफताब को पुलिस ने यौन शोषण के मामले में हिरासत में लेकर थाना ले गया था। इसके बाद से उनका कोई पता नहीं चल पा रहा है। परिजनों का आरोप है कि आफताब अंसारी को थाना परिसर से ही लापता कर दिया गया है।
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि, एक कार से हिंदू टाइगर फोर्स के तीन सदस्य अर्शी गारमेंट्स दुकान पहुंचे और आफताब अंसारी को दुकान के भीतर मारपीट कर जबरन घसीटते हुए बाहर ले गए। कुछ ही देर बाद रामगढ़ पुलिस मौके पर पहुंची और आफताब अंसारी को अपने कब्जे में ले लिया।
वहीं ये भी बताया जा रहा है कि 24 जुलाई को आफताब अंसारी अपने निजी काम से रामगढ़ थाना पहुंचे थे, जहां उनकी मुलाकात भुरकुंडा निवासी अरुण वर्णवाल से हुई थी। इसके बाद से आफताब का कोई सुराग नहीं है। शमीम (जो अर्शी गारमेंट्स के मालिक हैं) ने बताया कि उन्होंने 24 जुलाई को मामले को लेकर रामगढ़ थाना पहुंचा था, लेकिन पुलिस ने उन्हें यह कहकर लौटा दिया था कि जरूरत पड़ी तो बुला लिया जाएगा।
Ramgarh: पुलिस का पक्ष
वहीं एसडीपीओ पतरातू गौरव गोस्वामी ने बताया कि आफताब अंसारी को पूछताछ के लिए हिरासत में रखा गया था, लेकिन वह पुलिस को चकमा देकर भाग निकला। उन्होंने दावा किया कि इस पूरे घटनाक्रम की CCTV फुटेज से पुष्टि की जाएगी और मामले की जांच गहराई से की जा रही है।
Ramgarh: राजनीतिक प्रतिक्रिया
वहीं मामले ने राजनीतिक रंग भी पकड़ लिया है। कांग्रेस के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने आरोप लगाया कि आफताब अंसारी को यौन शोषण के आरोप में पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया और इस दौरान हिंदू टाइगर फोर्स ने मारपीट की। वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के एक ट्वीट को लेकर भी विवाद खड़ा हो गया है, जिसे कांग्रेस ने गैर-जिम्मेदाराना और दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है।
रामगढ़ से मोहम्मद एहसान मंजर की रिपोर्ट
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