रांची: झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अधिकारियों के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज केस को चुनौती देनेवाली क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका पर सुनवाई की.
मामले की सुनवाई के दौरान प्राथों का पक्ष सुनने के बाद अदालत ने आरोपी अधिकारियों के खिलाफ किसी प्रकार की पीड़क कार्रवाई करने पर रोक लगा दी.
साथ ही मामले में शिकायतकर्ता पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को नोटिस जारी किया. उन्हें अगली सुनवाई में जवाब दायर करने को कहा गया. इससे पूर्व इडी की ओर से अधिवक्ता एके दास व अधिवक्ता सौरभ कुमार ने पैरवी की.
उन्होंने कहा कि अधिकारियों ने अपना ड्यूटी निभायी है. उनके खिलाफ एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज की गयी प्राथमिकी गलत है.
उन्होंने प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह किया. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी इडी के अपर निदेशक कपिल राज व अन्य की ओर से क्रिमिनल क्वैशिंग याचिका दायर कर एससी-एसटी थाना में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती दी गयी है.
प्रार्थियों ने प्राथमिकी को निरस्त करने का आग्रह किया है. तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा 31 जनवरी 2024 को इडी की पूछताछ के दौरान एससी-एसटी एक्ट के तहत उक्त प्राथमिकी (06/2024) दर्ज करायी गयी थी.